हिंद महासागर में नहीं चलेगी किसी की दादागिरी, राजनाथ का चीन को संदेश; गिनाईं नेवी की खूबियां

भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को सख्त संदेश देते हुए कहा है कि भारतीय नेवी ने यह सुनिश्चित किया है कि हिंद महासागर में किसी भी तरह का आधिपत्य न हो। सिंह ने गोवा की राजधानी पणजी के पास नौसेना युद्ध महाविद्यालय के नये प्रशासनिक भवन का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।

राजनाथ सिंह ने कहाकि भारतीय नौसेना ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी देश अपनी जबरदस्त आर्थिक और सैन्य शक्ति के बल पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के मित्र देशों को दबा नहीं सके। सिंह ने कहा कि नौसेना की तत्परता के कारण भारत अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है और हिंद महासागर में सहयोगी देशों को पूरी मदद कर रहा है।

इस अवसर पर, उन्होंने पड़ोसी राज्य कर्नाटक के कारवार में सी बर्ड नौसैनिक अड्डे पर एक विमान वाहक और सहायक पोत गोदी का भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिये लोकार्पण किया। उन्होंने कहाकि हमारी नौसेना यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी देश अपनी सशक्त आर्थिक और सैन्य शक्ति के बल पर हमारे मित्र देशों को दबा न सके या हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उनकी संप्रभुता को कुचल न सके। उन्होंने कहाकि जिस तत्परता के साथ भारतीय नौसेना अपने सहयोगियों के साथ खड़ी है, वह भारत के वैश्विक मूल्यों को ठोस ताकत प्रदान करती है। नौसेना की तत्परता के कारण भारत अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है और हिंद महासागर में मित्र देशों को पूरी मदद दे रहा है।

सिंह ने कहाकि हिंद महासागर में हमारी नौसेना की मौजूदगी हमारे बाकी सहयोगियों को किसी भी दबाव में आने से रोकती है। उन्होंने कहाकि भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि हिंद महासागर क्षेत्र में पड़ोसी देशों की स्वायत्तता और संप्रभुता सुरक्षित रहे। उन्होंने कहाकि हमने यह सुनिश्चित किया है कि हिंद महासागर में किसी भी तरह का आधिपत्य न हो। सिंह ने कहा कि भारत का उत्थान न केवल 140 करोड़ नागरिकों के हित में है, बल्कि यह ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के मंत्र के माध्यम से पूरी दुनिया को एक साथ लेने का अनूठा मूल्य भी प्रस्तुत कर रहा है कि अगर भारत प्रगति करेगा, तो केवल इसके आसपास के क्षेत्र भी प्रगति करेंगे।

रक्षा मंत्री ने कहाकि हमारा नौसैनिक औद्योगिक आधार मजबूत हो रहा है। हमारे शिपयार्ड का विस्तार हो रहा है। हमारे विमान वाहक पोत बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहाकि भारत की यह बढ़ती ताकत हिंद महासागर में प्रभुत्व हासिल करने के लिए नहीं बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि का माहौल बनाने के लिए है।

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