महामारी के बाद पहली बार उत्तर कोरिया रूसी पर्यटकों के लिए अपनी सीमाएं खोलेगा
कोविड-19 महामारी के चलते 2020 में लॉकडाउन लगाए जाने के बाद पहली बार उत्तर कोरिया रूसी पर्यटकों के लिए अपनी सीमाएं खोलेगा। रूस सरकार संचालित ‘तास’ समाचार एजेंसी द्वारा बुधवार को प्रसारित खबर रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सहयोग को उजागर करती है। पिछले साल सितंबर में रूस के सुदूर पूर्व में एक ‘कॉस्मोड्रोम’ में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक के बाद पर्यटकों की यात्रा शुरू होने वाली है।
‘तास’ की खबर में पर्यटकों की यात्रा के समय के बारे में नहीं बताया गया है लेकिन विश्लेषकों को इससे हैरानी हुई है जिन्होंने उम्मीद जताई की थी कि उत्तर कोरिया महामारी के बाद पहले चीनी पर्यटकों के लिए अपनी सीमाएं खोलेगा।
उत्तर कोरिया का सबसे करीबी मददगार और सहयोगी चीन है। ‘तास’ की खबर के मुताबिक पर्यटक पूर्वी तट पर उत्तर कोरिया के ‘मासिक पास’ की यात्रा करेंगे, जहां देश का सबसे आधुनिक ‘स्की रिसॉर्ट’ स्थित है। इसमें कहा गया है कि यह यात्रा रूस के प्राइमरी क्षेत्र के गवर्नर ओलेग कोझेमायाको और उत्तर कोरियाई अधिकारियों के बीच हुए समझौते के तहत आयोजित की गई है।
किम-पुतिन की शिखर वार्ता के बाद से द्विपक्षीय आदान-प्रदान के तहत आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने पर बातचीत के लिए कोझेमायाको ने दिसंबर में उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग की यात्रा की। यात्रा से पहले उन्होंने रूसी मीडिया से कहा था कि उन्हें पर्यटन, कृषि और व्यापार सहयोग पर चर्चा की उम्मीद है।
किम-पुतिन की शिखर वार्ता ने इस धारणा को बल दिया कि उत्तर कोरिया उच्च तकनीक वाली रूसी हथियार प्रौद्योगिकियों के बदले में यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस को पारंपरिक हथियारों की आपूर्ति कर रहा है।
अमेरिका ने पिछले सप्ताह कहा था कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि रूस ने यूक्रेन पर उत्तर कोरिया द्वारा प्रदत्त अतिरिक्त मिसाइलें दागीं। अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान और अन्य देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर मिसाइल मुहैया कराए जाने की निंदा की।
उत्तर कोरिया महामारी के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों को कम कर रहा है और लॉकडाउन तथा लगातार अमेरिकी प्रतिबंधों से तबाह हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयासों के तहत अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को खोल रहा है। सियोल के ‘कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन’ के पूर्व अध्यक्ष कोह यू-ह्वान ने कहा, ‘‘उत्तर कोरिया के लिए पर्यटन अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध व्यवस्था के तहत विदेशी मुद्रा अर्जित करने का सबसे आसान तरीका है।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी दिनों में उत्तर कोरिया चीनी पर्यटकों को भी प्रवेश देगा।