सूखा राहत के लिए एक भी रुपया नहीं दिया, सिद्धारमैया का मोदी सरकार पर बड़ा आरोप
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि कर्नाटक में सूखा राहत के लिए केंद्र सरकार ने एक रुपया भी नहीं दिया. सीएम ने कहा कि हम कन्नड़ लोग हर साल केंद्र को 4 लाख करोड़ रुपये टैक्स देते हैं. लेकिन केंद्र सरकार इसके बदले केवल 52 हजार करोड़ रुपये वापस देती है. यहां तक कि सूखे के संकट के समय भी केंद्र ने कर्नाटक को कुछ नहीं दिया.
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार की गारंटी योजनाओं के कारण राज्य के गरीब लोग सूखे के दौरान भी कठिनाइयों से बचे रहे. उन्होंने कहा कि भाजपा यह हजम नहीं हो रहा है कि हमने सभी पांच गारंटियां लागू कर दी हैं. पीएम मोदी ने कहा था कि राज्य आर्थिक रूप से दिवालिया हो जाएगा लेकिन वो एक बार फिर गलत साबित हुए.
31 जिलों के 195 तालुकों की हालत थी खराब
शनिवार को रायचूर के सिंधनूर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने ये बातें कहीं. सिद्धारमैया ने लोगों से कहा कि वे अपने-अपने सांसदों से यह पूछें कि सूखा राहत के लिए केंद्र की तरफ सहायता क्यों नहीं की गई. फंड क्यों नहीं जारी किया गया? बता दें कि इस बार राज्य के 31 जिलों के 195 तालुकों की हालत खराब थी.
सिद्धारमैया ने केंद्र से मांगे थे 4860 करोड़
इस सभी तालूकों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया था. सिद्धारमैया ने दावा किया था कि सूखाग्रस्त किसानों को 30 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. सूखा राहत के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से 4860 करोड़ रुपये की मांग की थी.
सिद्धारमैया ने बीजेपी सरकार पर लगाया ये आरोप
सीएम ने आगे आरोप लगाया कि राज्य की पिछली बीजेपी सरकार ने सिंचाई के नाम पर पैसे का दुरुपयोग किया. मगर हम राज्य के लोगों को आवश्यक सिंचाई सुविधाएं प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि सिंधनूर को अब तक 80 फीसदी सिंचाई की सुविधाएं मिल चुकी हैं. विधायक 100 प्रतिशत सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
हमारी सरकार सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध
सिद्धारमैया ने कहा कि हमारी सरकार सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने ने लोगों से सहयोग करने और किसानों की जिंदगी को बेहतर बनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार नेविले बैलेंसिंग बांध बनाने के लिए तैयार है.