जम्मू-कश्मीर में बचे अब केवल 91 आतंकी, एक साल में 72 दहशतगर्द ढेर

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की ओर से आतंकियों पर नकेल कसने का असर भी दिखने लगा है. जम्मू में अब सक्रिय आतंकवादियों की संख्या दहाई के आंकड़े में आ गई है, जबकि 2022 में इनकी संख्या कहीं ज्यादा थी. पुलिस और सेना की ओर से घाटी में आतंकवादियों के खात्मे को लेकर लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. घाटी में सक्रिय आतंकवादियों में से अधिकतर पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए हैं.

सीआरपीएफ की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में अब कुल 91 आतंकवादी सक्रिय हैं. इनमें से 30 स्थानीय हैं, जबकि 61 विदेशी आतंकी हैं. 2022 में सक्रिय आतंकियों की संख्या 135 थी. इनमें 50 ऐसे थे जो स्थानीय थे जबकि 85 विदेशी आतंकवादी एक्टिव थे. पिछले साल की तुलना में अब सक्रिय आतंकवादियों की संख्या में काफी गिरावट देखने को मिली है.

2023 में 72 आतंकवादियों को किया ढेर

पिछले साल यानी 2023 में जम्मू-कश्मीर में कुल 72 आतंकवादियों को मार गिराया गया. इसमें 22 स्थानीय आतंकवादी और 50 विदेशी आतंकवादी शामिल रहे. वहीं, 2022 में कुल 187 आतंकवादियों सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में ढेर हुए थे. इनमें 130 आतंकी स्थानीय थे जबकि 57 विदेशी थे. सीआरपीएफ ने बताया कि घाटी में सक्रिय आतंकवादियों में से अधिकतर पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए हैं.

बरामद हुए 107 ड्रोन

वहीं, सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ की ओर से 2023 में भारत-पाकिस्तान सीमा पर 107 ड्रोन मार गिराए गए या बरामद किए गए. पीटीआई ने बीएसएफ के सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया है कि बरामद किए गए ड्रोनों में अधिकतर चीन निर्मित जिन्हें सीमा पर स्थित खेतों से बरामद किया गया. अधिकारियों की मानें तो बीएसएफ के जवानों ने तीन पाकिस्तानी घुसपैठिए भी मार गिराए और दो तस्करों समेत 23 पाकिस्तानी नागरिक पकड़े.

‘आतंकवाद में कमी आई लेकिन पूरी तरह से सफाया नहीं’

जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख आरआर स्वैन ने सोमवार को कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद में कमी आई है, लेकिन इसका पूरी तरह से सफाया नहीं हुआ है. उन्होंने पुलिस कर्मियों से शांति की दिशा में काम करने के लिए कहा ताकि लोग बिना किसी डर से चुनाव में भाग ले सकें. पुलिस अधिकारियों को दिए अपने नए साल के संदेश में उन्होंने कहा कि 2024 में उनके सामने चुनौती, ध्वस्त हो चुके आतंकियों के नेटवर्क को किसी भी रूप में उभरने का मौका नहीं देना है.

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