अब बेरोकटोक एंट्री नहीं, बांग्लादेश की तरह म्यांमार बॉर्डर पर भी करेंगे तारबंदी- अमित शाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पिछले 10 सालों में पूर्वोत्तर भारत समेत देश की कानून-व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है. केंद्र सरकार अब बांग्लादेश की तरह ही म्यामांर में भी सुरक्षा कड़ी करने जा रही है और मुक्त आवाजाही पर रोक लगाएगी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार म्यांमार बॉर्डर पर लोगों की मुक्त आवाजाही रोकेगी और वहां पर तारबंदी (fence) की जाएगी. बांग्लादेश की तरह इस बॉर्डर की भी रक्षा करेगी.

गुवाहाटी में पांच नवगठित असम पुलिस कमांडो बटालियन (Assam Police Commando Battalions) के पहले बैच की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र म्यांमार के साथ बेरोकटोक आवाजाही की सुविधा पर पुनर्विचार कर रहा है. उन्होंने आगे कहा, “भारत-म्यांमार बॉर्डर को बांग्लादेश बॉर्डर की तरह सुरक्षित किया जाएगा… भारत सरकार अब म्यांमार के साथ बेरोकटोक आवाजाही की व्यवस्था को खत्म कर देगी.”

70 के दशक में शुरू हुई थी परंपरा

सरकारी सूत्रों का कहना है कि पिछले तीन महीनों के अंदर म्यांमार सेना के करीब 600 सैनिक देश की सीमा में घुस आए हैं. पश्चिमी म्यांमार राज्य रखाइन में एक जातीय सशस्त्र समूह (Ethnic Armed Group) अराकन आर्मी (एए) के उग्रवादियों की ओर से उनके कैंपों पर कब्जा जमाने के बाद उन्हें मिजोरम जाना पड़ा और वहां के लांग्टलाई जिले (Lawngtlai District) में शरण लेनी पड़ी.

बॉर्डर पर तारबंदी के बाद भारत दोनों देशों के बीच फ्री मूवमेंट रिजीम (FMR) को खत्म कर देगा. इस व्यवस्था के बाद अब सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जल्द ही दूसरे देश में आने के लिए वीजा की जरुरत होगी. एफएमआर को 1970 के दशक में लाया गया था. इसके पीछे की बड़ी वजह यह थी कि भारत-म्यांमार बॉर्डर पर रहने वाले लोगों के बीच बेहद करीबी पारिवारिक और जातीय संबंध हैं.

अमित शाह ने कहा कि पिछले 10 साल में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश की कानून-व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है. इससे पहले असम के ढेकियाजुली में ऑल बाथौ महासभा के 13वें त्रिवार्षिक सम्मेलन में कहा कि पीएम मोदी का पूर्वोत्तर भारत में शांति और विकास लाने का अभियान कामयाब रहा है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की नीति ‘समस्याओं से ध्यान भटकाने और सत्ता सुख की रही है, लेकिन इस वजह से क्षेत्र में हजारों लोगों की जानें गईं, खासकर बोडोलैंड में.’

अब बोडोलैंड में हिंसा नहींः अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा, “जब मैं देश का गृह मंत्री बना, तो बोडो आंदोलन चल रहा था और मैंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के सबसे बड़े समुदायों में से एक की समस्याओं और उनकी मांगों को समझने की कोशिश की. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसे नए नजरिए से देखा और समस्या का समाधान किया, और आज बोडोलैंड बम विस्फोटों, गोलीबारी और हिंसा से निजात पा गया है. पिछले 3 सालों के दौरान बोडोलैंड में हिंसा की किसी तरह की कोई घटना नहीं हुई है.

गुवाहाटी में पासिंग आउट परेड को संबोधन के दौरान कांग्रेस पर हमला करते हुए अमित शाह ने यह भी आरोप लगाया कि उसके दौर में सरकारी नौकरियां पाने के लिए लोगों को रिश्वत देनी पड़ती थी और आज के दौर में बीजेपी के शासन में रोजगार के लिए एक पैसा भी नहीं देना पड़ता है.

3 साल में नक्सलाद पूरी तरह खत्मः अमित शाह

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्रतिष्ठा समारोह पर अमित शाह ने कहा कि भगवान राम 550 “अपमानजनक” सालों के बाद घर लौटेंगे. उन्होंने आगे कहा, “यह पूरे देश के लिए गौरव की बात है. साथ ही यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब देश महाशक्ति बनने की राह पर है.”

वहीं असम के ही सलोनीबारी में सशस्त्र सीमा बल के 60वें स्थापना दिवस पर दावा करते हुए अमित शाह ने कहा कि देश अगले 3 साल के अंदर नक्सलवाद की समस्या से निजात पा लेगा. प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में अगले तीन साल में नक्सली समस्या से देश को 100 फीसदी मुक्ति मिल जाएगी.

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