भारत के सबसे पुराने रेलवे स्टेशन की उम्र है 166 साल, आज भी है चकाचक, हर महीने दस हजार यात्री पकड़ते हैं ट्रेन
भारत में ट्रेन की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई थी. देश की पहली ट्रेन मुंबई के बोरी बंदर से ठाणे के बीच चलाई गई थी. इस रूट की लंबाई 34 किलोमीटर थी. इस तरह भारत में ट्रेनों को दौड़ते करीब 170 साल हो चुके हैं. भारतीय रेलवे का इतिहास बहुत सी रोचक जानकारियों को अपने में समेटे हैं. आपको जानकार हैरानी होगी कि 166 साल बना एक रेलवे स्टेशन आज भी पूरी तरह चालू हालत में है. तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई का रोयापुरम रेलवे स्टेशन भारतीय रेल का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है. इसका निर्माण 1856 में हुआ था. यह रेलवे स्टेशन भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है जो आज भी चालू है.
रोयापुरम रेलवे स्टेशन को 28 जून, 1856 को तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड हैरिस द्वारा मुख्य टर्मिनस के रूप में खोला गया था. इसके कुछ दिन बाद दक्षिण भारत में पहली रेलवे लाइन 1 जुलाई, 1856 को यातायात के लिए खोली गई थी. साल 1849 में मद्रास रेलवे कंपनी के पुनर्गठन के बाद दक्षिण भारत में एक नई रेलवे लाइन बिछाने की योजना बनाई गई. रोयापुरम में नया स्टेशन बनाने के लिए का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि यह फोर्ट सेंट जॉर्ज के पास ब्रिटिश व्यापारियों की एक बस्ती के निकट था. दक्षिणी लाइन पर काम 1853 में शुरू हुआ था.
1 जुलाई 1856 को चली पहली ट्रेन
रोयापुरम रेलवे स्टेशन से पहली ट्रेन 1 जुलाई, 1856 को चली. पहली यात्री ट्रेन रोयापुरम से वालजाह तक चली. दोनों स्टेशनों के बीच 97 किलोमीटर की दूरी ट्रेन ने तय की. सिम्पसन एंड कंपनी द्वारा निर्मित पहली ट्रेन में गवर्नर लॉर्ड हैरिस और 300 यूरोपीय लोगों ने यात्रा की थी. उसी दिन एक और ट्रेन रोयापुरम से तिरुवल्लूर तक चलाई गई.
मद्रास रेलवे का मुख्यालय भी रहा
रोयापुरम रेलवे स्टेशन 1922 तक मद्रास और दक्षिणी महरत्ता रेलवे का मुख्यालय भी रहा. इस रेलवे स्टेशन को आर्किटेक्चर विलियम एडेलपी ट्रेसी ने डिजाइन किया था. साल 2005 में भारतीय रेलवे ने रेलवे स्टेशन के भवन की मरम्मत की. मरम्मत कार्यों के दौरान इसके मूल स्वरूस्प के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई. रोयापुरम रेलवे स्टेशन पर अब भी हर महीने 10 हजार से ज्यादा यात्री ट्रेन पकडते हैं.