Olympics: 8 गोल्ड मेडल से लेकर 41 साल का सूखा खत्म करने तक, ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का गोल्डन इतिहास
Indian Hockey Team at the Olympics: पेरिस ओलंपिक की शुरुआत होने में अब कुछ ही दिनों का समय बचा है. भारत ने टोक्यो ओलंपिक में काफी शानदार प्रदर्शन किया था. ऐसे में देश को खिलाड़ियों से उम्मीद है कि एक बार फिर वह तिरंगे की शान बढ़ाएंगे. भारत ने पहली बार ओलंपिक में साल 1900 में हिस्सा लिया था. अभी तक भारत इन खेलों में 35 मेडल जीत चुका है. जिसमें हॉकी वो खेल हैं जहां भारत ने सबसे ज्यादा बार मेडल जीते हैं. भारत अब तक हॉकी में कुल 12 ओलंपिक मेडल जीत चुका है, जिसमें आठ गोल्ड, एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.
ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का गोल्डन इतिहास
हॉकी दुनिया के सबसे पुराने खेलों में से एक, जिसकी शुरुआत संभवत: 1527 में स्कॉटलैंड से हुई थी. भारत में पहला हॉकी क्लब कोलकाता में 1855 में स्थापित किया गया था. साल 1925 में भारतीय हॉकी संघ की स्थापना हुई थी और इससे एक साल पहले अंतरराष्ट्रीय हॉकी संघ की शुरुआत हुई थी. बता दें, भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में पहली बार 1928 में कदम रखा था. वहीं, FIH ने हॉकी को स्थायी ओलंपिक स्टेटस 1928 एम्सटर्डम ओलंपिक में ही दिया था.
पहले ही ओलंपिक में जीता गोल्ड मेडल
1928 ओलंपिक में अपना डेब्यू करते हुए भारतीय हॉकी टीम ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. उस ओलंपिक में भारत ने 5 मैचों में कुल 29 गोल दागे थे ध्यान चंद की हॉकी स्टिक से 14 गोल आए थे. 1928 ओलंपिक के हॉकी इवेंट में कुल 9 टीमों ने भाग लिया था. भारत को बेल्जियम, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया के साथ ग्रुप ए में रखा गया था. भारतीय टीम ने फाइनल में नीदरलैंड्स को हराया था.
गोल्ड मेडल की लगाई हैट्रिक
1928 ओलंपिक के धमाकेदार प्रदर्शन के बाद भारतीय हॉकी टीम ने 1932 और 1936 ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. 1932 ओलंपिक में भारत, जापान और अमेरिका की हॉकी टीमों ने ही हिस्सा लिया था. इस दौरान भारत ने अमेरिका को 24-1 के अंतर से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. 1936 ओलंपिक में फाइनल मुकाबले में भारत का मुकाबला जर्मनी से हुआ था. इस मुकाबले में जर्मनी को 8-1 से मात देकर भारत ने ओलंपिक में गोल्ड मेडल की हैट्रिक लगाई थी.
भारतीय हॉकी टीम का गोल्डन इतिहास
स्वतंत्र राष्ट्र बनने के बाद फिर दिखाया दम
1947 में हुए भारत के बंटवारे के बाद भारतीय हॉकी टीम बिखर गई थी और 1948 के लंदन ओलंपिक में पहली बार भारत ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भाग लिया था. इस दौरान भारतीय टीम ने फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को हराकर ओलंपिक में अपना चौथा गोल्ड मेडल जीता था. इसके बाद हेलसिंकी ओलंपिक में 1948 के लंदन ओलंपिक की टॉप चार टीमों को क्वार्टर फाइनल में सीधी एंट्री मिली थी, जिसमें भारत का नाम भी शामिल था. भारतीय टीम का 1952 ओलंपिक के फाइनल में नीदरलैंड्स से सामना हुआ था. भारत ने इस मुकाबले को 6-1 से जीत कर 5वीं बार गोल्ड मेडल जीता था. 1956 ओलंपिक में भी भारत का दबदबा देखने को मिला था. मेलबर्न ओलंपिक के फील्ड हॉकी प्रतियोगिता में 12 देशों की टीमों ने हिस्सा लिया था. इस ओलंपिक में हॉकी का फाइनल मैच भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच खेला गया था. भारत और पाकिस्तान की टीम पहली बार एक-दूसरे के आमने-सामने थीं. इस मैच में भारत ने पाकिस्तान को 1-0 से हराकर छठी बार गोल्ड मेडल अपने नाम किया था.
भारतीय हॉकी टीम ने मेडल का सिलसिला रखा जारी
1960 रोम ओलंपिक में भी भारतीय टीम के आगे सब फेल हो गए थे. इस ओलंपिक में खिताब की प्रबल दावेदार भारत को न्यूजीलैंड, नीदरलैंड्स और डेनमार्क के साथ ग्रुप ए में रखा गया. भारतीय हॉकी टीम ने इस बार भी ग्रुप स्टेज में अपने सभी मैच जीते. लेकिन इस बार फाइनल में भारतीय टीम को पाकिस्तान के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा और हमारी सिल्वर मेडल से खूश होना पड़ा. लेकिन 1964 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम ने दमदार वापसी की और फाइनल में पाकिस्तान को हराकर अपना बदला पूरा करते हुए गोल्ड मेडल जीता.
1968 मैक्सिको ओलंपिक में लगा बड़ा झटका
1968 मैक्सिको ओलंपिक पहला ऐसा ओलंपिक था जब भारतीय हॉकी टीम फाइनल में पहुंचने से चुकी थी. भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी. लेकिन भारत ने पश्चिम जर्मनी को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीतन में कामयाब रही थी. इसके बाद 1972 म्यूनिख ओलंपिक में भी भारतीय हॉकी टीम के नाम ब्रॉन्ज मेडल ही रहा था. वहीं, 1976 के मॉन्ट्रियल ओलंपिक में तो भारतीय हॉकी टीम कोई भी मेडल नहीं जीत सकी थी. फिर 1980 मॉस्को ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार वापसी की और गोल्ड मेडल जीतकर पिछले ओलंपिक की भरपाई कर दी.
फिर शुरू हुआ 41 साल का इंतजार
1980 मॉस्को ओलंपिक के बाद भारतीय हॉकी में भारी स्तर में गिरावट देखने को मिली थी. मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद भारतीय हॉकी टीम को पोडियम फिनिश करने के लिए 41 साल लगे. 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल के सूखे को खत्म करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. ये जीत भारतीय हॉकी के इतिहास के लिए सबसे खास जीत थी. भारतीय टीम ने मनप्रीत सिंह की कप्तानी में ये कारनामा किया था. ऐसे में फैंस को इस बार भी भारतीय हॉकी टीम से सबसे ज्यादा उम्मीदें रहने वाली हैं.
पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम के मैच
भारतीय टीम पेरिस ओलंपिक 2024 में अपना अभियान 27 जुलाई को न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू करेगी. इसके बाद 29 जुलाई को भारतीय टीम का सामना अर्जेंटीना से होगा. फिर 30 जुलाई को आयरलैंड से, एक अगस्त को बेल्जियम से और 2 अगस्त को आस्ट्रेलिया से भिड़ंत होगी.
पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए भारतीय हॉकी टीम:
गोलकीपर – पीआर श्रीजेश
डिफेंडर्स – जरमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास, हरमनप्रीत सिंह, सुमित, संजय
मिडफील्डर्स – राजकुमार पाल, शमशेर सिंह, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद
फॉरवर्ड – अभिषेक, सुखजीत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, मंदीप सिंह, गुरजंत सिंह
वैकल्पिक खिलाड़ी – नीलकांत शर्मा, जुगराज सिंह, कृष्ण बहादुर पाठक