विधानसभा अध्यक्ष फैसले पर उद्धव गुट ने कहा कि ये तो ही होना था, संजय राउत बोले जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को शिव सेना विधायकों के अयोग्यता मामले में फैसला सुनाया. उन्होंने शिंदे की शिव सेना को आधिकारिक मान्यता दे दी है. यह उद्धव ठाकरे गुट के लिए बड़ा झटका है. राहुल नार्वेकर द्वारा दिए गए फैसले पर ठाकरे गुट के नेताओं ने कहा कि ये तो होना ही था. जबकि शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी. विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को उन्होंने पूरी तरह से असंवैधानिक करार दिया.
संजय राउत ने कहा कि शिव सेना खत्म नहीं हो सकती है. शिवसेना के 106 लोगों ने जान दी है. अभी फौज लेकर आए. हम मरने को तैयार हैं. कोई टेक्नीकल मुद्दा नहीं है. कौन एकनाथ शिंदे हैं? उनकी औकात क्या है? 40 एमएलए निकल गए, तो पार्टी उनकी हो गई.
संजय राउत ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर उठाया सवाल
उन्होंने कहा किविधानसभा अध्यक्ष का अधिकार यह तय कहना है कि संसदीय पार्टी किसकी है. बहुमत किसका है. यह घोषित करना उनका अधिकार नहीं है. पूरी पार्टी शिव सेना चिन्ह और किसी को देना उनका अधिकार नहीं है. जितना भी खत्म करो. शिव सेना खत्म नहीं होगी. यह काला दिन है. हिंदुस्तान के लोकतंत्र का काला दिन है.
फैसले पर आदित्य ठाकरे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. वह उद्धव ठाकरे के बेटे हैं. उन्होंने फैसले पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, ”विधानसभा अध्यक्ष ने मूल राजनीतिक दल को लेकर जो फैसला दिया है, वह बेशर्मी की पराकाष्ठा है, यह लोकतंत्र की हत्या है.”
बीजेपी संविधान बदलना चाहती है-बोले आदित्य ठाकरे
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दिया गया निर्णय देश के लिए एक बड़ा संकेत है. आदित्य ठाकरे ने कहा, “बीजेपी डॉ भीमराव अंबेडकर का संविधान बदलना चाहती है. आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा लिखा गया संविधान बीजेपी को स्वीकार्य नहीं है, बीजेपी को अपना संविधान लाना चाहती है.
उन्होंने कहा,जब राहुल नार्वेकर कई वर्षों तक हमारी पार्टी में थे, तो वह किस पार्टी प्रमुख के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे? लोकतंत्र की इतनी निर्लज्ज हत्या मैंने पहले कभी नहीं देखी. लोकतंत्र में जनता अब बॉक्स सरकार को चेक करेगी. सुप्रीम कोर्ट से तो उम्मीद है ही, उससे ज्यादा उम्मीद जनता से है. यह चौंकाने वाली बात है कि ऐसा फैसला तब आया जब हमने सारी वीडियो रिकॉर्डिंग चुनाव आयोग को दे दी है. दुनिया अब जानती है कि हमारे देश में लोकतंत्र की हत्या हो चुकी है और देश में हिटलरशाही शुरू हो गई है.”