22 की शाम राम के नाम, ज्योति जलाकर पूर्ण करें अपना काम : प्रांत प्रचारक

कानपुर, 09 जनवरी (हि.स.)। सैकड़ों वर्षों की तपस्या और छह दिसम्बर 1992 में कारसेवकों द्वारा किये गये अभूतपूर्व कार्य का परिणाम है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने जा रहा है।

22 जनवरी को जब श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो वह क्षण पूरी दुनिया भर में बसे हिन्दुओं के लिए गर्व भरा होगा। इस क्षण को हम सभी को उत्सव जैसे मनाना है और यह भी देखना होगा कि कोई भी हिन्दू का घर इससे वंचित न हो सके। दिन भर तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होना है उसमें अपनी सहभागिता दें, लेकिन 22 की शाम को पूरी तरह से भगवान श्रीराम को समर्पित करना है और राम ज्योति जलाकर अपना काम पूर्ण करें। यह बातें मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कानपुर प्रांत के प्रांत प्रचारक श्रीराम ने कही।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर मंगलवार को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की ओर से बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कालेज बेनाझाबर में मंदिर मठ के साधु संतो की बैठक हुई। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कानपुर प्रांत के प्रांत प्रचारक ने कहा कि करीब पांच सौ वर्ष तक हमारे पूर्वज उन ताकतों से संर्घष करते रहे जो भगवान श्रीराम को अपनी ही भूमि में नहीं देखना चाहते थे। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और साधु संतों के आशीर्वाद से कारसेवकों ने छह दिसम्बर 1992 को संघर्ष का एक चरण पूरा कर लिया। इसके बाद चली न्यायिक प्रक्रिया में चाहते हुए भी न्यायाधीश फैसला नहीं दे पा रहे थे। इसी बीच शाखा के लोग जब लोकतंत्र के शिखर पर पहुंचे तो धीरे-धीरे पूरा माहौल बदलने लगा और न्यायाधीशों का डर खत्म हो गया। फैसला आने पर राष्ट्र और विश्व के कल्याण के लिए राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा भव्य राम मंदिर बन रहा है और 22 जनवरी को श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होना है।

 

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