कभी था बेताज बादशाह, फोर्ब्स में भी छपता था नाम, आज ‘मौत की भीख’ मांग रहा यह अरबपति
कहते हैं इंसान कब फर्श से अर्श और अर्श से फर्श पर पहुंच जाए कोई नहीं जानता. समय बहुत जल्दी बदलता है और कब कोई राजा और कब कोई रंक बन जाए कोई नहीं जानता. सुख-दुख, हार-जीत, अमीरी-गरीबी, उत्थान-पतन सब यहीं देखना होता है. कुछ ऐसी ही कहानी है जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की. एक वक्त था, जब एयरलाइन की दुनिया के वह बेताज बादशाह थे. भारतीय आसमान में उनके विमान एयर इंडिया को टक्कर देते थे. फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में नाम छपते थे, मगर आज वक्त ऐसा है कि उन्हें मौत की भीख मांगनी पड़ रही है. पिछले एक साल से जेल में बंद नरेश गोयल अब हर दिन अपनी मौत की दुआ कर रहे हैं. खुद मुंबई की एक अदालत में उन्होंने जज से हाथ जोड़कर मरने की इजाजत मांगी है.
जेल में मरने की लगा रहे गुहार: जेट एयरवेज के संस्थापक रहे नरेश गोयल अभी किस पीड़ा में हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने शनिवार को विशेष अदालत में हाथ जोड़कर कहा कि वह जिंदगी की आस खो चुके हैं और इस स्थिति में जीने से बेहतर होगा कि वह जेल में ही मर जाएं. नरेश गोयल केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं. ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने कथित बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में पिछले साल एक सितंबर को नरेश गोयल को गिरफ्तार किया था. वह अभी मुंबई के आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे के समक्ष अपनी जमानत अर्जी दायर की थी. जमानत अर्जी के मुताबिक, नरेश गोयल हृदय, प्रोस्टेट, हड्डी और विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं.
कोर्ट में क्या-क्या हुआ: आरोपी एवं जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने शनिवार को मुंबई स्थित विशेष अदालत में हाथ जोड़कर कहा कि वह ‘जिंदगी की आस खो चुके हैं’ और इस स्थिति में जीने से ‘बेहतर होगा कि वह जेल में ही वह मर जाएं. अदालती रिकार्ड के अनुसार, नम आंखों से 70 वर्षीय गोयल ने कहा कि उन्हें अपनी पत्नी अनीता की कमी बहुत खलती है जो कैंसर के अंतिम चरण में हैं. उन्हें शनिवार को अदालत में पेश किया गया और कार्यवाही के दौरान उन्होंने व्यक्तिगत सुनवाई का अनुरोध किया, जिसे न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया. अदालत के ‘रोजनामा’ के अनुसार नरेश गोयल ने हाथ जोड़कर और कांपते हुए कहा कि ‘उनका स्वास्थ्य बहुत बिगड़ गया है.’ गोयल ने कहा कि उनकी पत्नी बिस्तर पर पड़ी है और उनकी एकमात्र बेटी भी अस्वस्थ हैं.
अर्श से फर्श तक का सफर: आज भले ही कोर्ट में नरेश गोयल हाथ जोड़कर मरने की गुहार लगा रहे हैं, मगर एक वक्त था जब इनके नाम की तूती बोलती थी. कभी इनकी कंपनी भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइन्स कंपनियों में से एक थी और इनके पास करोड़ों-अरबों का साम्राज्य था. इनकी कंपनी के विमान देश से लेकर विदेश तक उड़ान भरते थे और कुछ साल पहले तक इनके विमानों की संख्या 100 से ऊपर थी. मगर एक वक्त ऐसा भी आया, जब इनकी कंपनी जेट एयरवेज की हालत इतनी खराब हो गई कि कर्ज के बोझ तले दबकर साल 2019 में बंद हो गई. नरेश गोयल आज यह अर्श से फर्श का सफर देख चुके हैं.
कौन हैं नरेश गोयल?: पंजाब के संगरूर में जन्मे नरेश गोयल जब बच्चे थे, तभी उनके सिर से पिता का साया हट गया था. उनका बचपन काफी गरीबी में बीता. उनके परिवार की हालत इतनी खराब थी कि उन्हें अपने घर की नीलामी करनी पड़ गई थी और किसी तरह अपने मामा के घर गुजारा करना पड़ा था. 18 साल की उम्र में ही उन्होंने कमाना शुरू कर दिया था. साल 1967 में नरेश गोयल ने अपने मामा सेठ चरण दास राम लाल की ट्रैवल एजेंसी ईस्ट वेस्ट एजेंसीज में एक कैशियर के रूप में अपना करियर शुरू किया. तब उन्हें महीने में 300 रुपए मिलते थे. हालांकि, यहीं पर उन्होंने टैवल बिजनेस की बारीकियों को सीखा और बाद में वह इस बिजनेस में शामिल हो गए. 1967 से 74 तक वह कई विदेशी एयरलाइन्स के साथ जुड़े रहे और बिजनेस की बारीकियों को सीखते रहे. इस दौरान वह विदेश यात्रा पर भी गए. साल 1969 में एक इराकी एयरवेज ने गोयल को अपना पब्लिक रिलेशन ऑफिसर नियुक्त किया और इसके बाद उन्होंने एक अन्य एयरलाइन कंपनी में मैनेजर के रूप में भी काम किया.
कैसे बने एयरलाइन की दुनिया के बादशाह: काम करने के दौरान उन्होंने जो सीखा था, अब उसे आजमाने का वक्त आ गया था. साल 1974 में उन्होंने अपनी मां से करीब 52 हजार रुपए लेकर अपना ट्रैवल बिजनेस शुरू किया और नाम रखा जेट एयर. हालांकि, काफी समय तक उनकी कंपनी दूसरी एयरलाइन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती रही. साल 1990 में उन्होंने जेट एयरवेज की शुरुआत की और कई विमानों के साथ साल 1993 में आधिकारिक तौर पर एयरलाइन की दुनिया में कदम रख दिया. इस काम में उनकी पत्नी का भी बड़ा योगदान है. इसके बाद तो उनकी किस्मत ऐसी बदली कि वह जल्द ही एयरलाइन की दुनिया में बड़ा नाम हो गए. एक वक्त तो देश के अमीरों की लिस्ट में वह फोर्ब्स की सूची में 16वें नंबर पर भी आए थे. हालांकि, बाद के सालों में उनकी कंपनी पर कर्ज का बोझ इतना बढ़ गया कि जेट एयरवेज 2019 में बंद हो गई.