प्याज का भाव 20% गिरा, अब सरकार की तरफ से लिया जा सकता है बड़ा फैसला

प्याज का भाव 20% गिरा, अब सरकार की तरफ से लिया जा सकता है बड़ा फैसला

घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पिछले साल प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी। यह फैसला 31 मार्च तक प्रभावी रहेगा। लेकिन अब कीमतें नियंत्रण में हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार आने वाले समय में यह प्रतिबंध हटा ले।

पिछले कुछ दिनों के दौरान प्याज की कीमतें 1870 रुपये से गिरकर 1500 रुपये प्रति क्विटंल के लेवल पर आ गई हैं। यानी महज कुछ दिनों में ही प्याद 20 प्रतिशत अधिक सस्ता हो गया है। वहीं, अगर निर्यात के प्रतिबंध से देखें तो कीमतों में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है। सरकार के नजरिए से अच्छी बात यह है कि नई फसल बाजारों में दस्तक दे रही है।

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने सोमवार को कहा कि केंद्र ने बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए अबतक 2023 के खरीफ सत्र में उगाए गए 25,000 टन प्याज की खरीद की है। सरकार बफर स्टॉक बनाए रखने और घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के मकसद से बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए प्याज की खरीद कर रही है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बफर स्टॉक लक्ष्य को बढ़ाकर सात लाख टन कर दिया है, जबकि पिछले साल का वास्तविक स्टॉक तीन लाख टन का था।

सचिव के अनुसार, सरकार ने पिछले साल के रबी सत्र में पांच लाख टन प्याज खरीदा था और बफर स्टॉक लक्ष्य बढ़ाए जाने के कारण दो लाख टन खरीफ प्याज खरीद रही है। उन्होंने को बताया, ”अबतक मंडियों से लगभग 25,000 टन खरीफ प्याज की खरीद की जा चुकी है और आगे खरीद जारी है।”

बफर स्टॉक में पड़े पांच लाख टन रबी प्याज में से, सरकार ने कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सहकारी संस्था नेफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से 3.04 लाख टन प्याज बाजार में उतार दिया है।

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