सिर्फ एक महीने मिलता है यह फल, वजन घटाता और पाचन शक्ति को करता है मजबूत, कैंसर में भी कारगर
राजस्थान में कई फल है जो मौसम के अनुसार उगते हैं. इनमें से एक ऐसा फल है जो इन दिनों सीजन पर उगा हुआ है. इसे राजस्थान का देशी फल भी कहा जाता है. इन दिनों बाजार में बेर की तीनों वैरायटी आई है. इस फल को राजस्थान में कई नामों से जाना जाता है. इसका प्रचलित नाम पेमली बेर है.
दरअसल, यह बेर हल्के हरे रंग का होता है. यह फल पक जाने के बाद लाल और भूरे रंग का हो जाता है. इस बेर को पेमली बेर के नाम से भी जाना जाता है. यह बेर कई बीमारियों को रोकने में सहायक होती है. साथ ही यह ऊर्जा का बहुत अच्छा स्रोत है. इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है. इसके अलावा इसमें एंटी ऑक्सीडेंट भी भरपूर होता है.
बेर बेचने वाली मौली देवी ने बताया कि राजस्थान के झाड़िकिया में बेर लगते है जो नवंबर में आते है. जब बारिश होती है तो यह बेर उगते है. अभी बड़े साइज के बेर यानी पेमली बेर बाजार में आ रहे है. जो बोरड़ी या बेर की झाड़ी पर लगते हैं. इसका सीजन एक माह तक रहता है. इसको सेव बेर भी बोलते है. सबसे छोटे साइज के बेर 100 रुपए किलो में बेचे जाते हैं. वहीं मीडियम साइज के बेर 50 रुपए किलो में बेचे जाते है. वहीं पेमली बेर यानी बड़े बेर 60 रुपए किलो में बेच रहे है. यह बीकानेर तथा आस पास के इलाकों में उग रहे है.
पेमली बेर खाने के कई फायदे
आयुर्वेद डॉक्टर अमित गहलोत ने बताया कि पेमली बेर खाने से कई तरह के फायदे होते है. इनमें कैलोरी बहुत कम होती है ऐसे में यह वजन कम करने में सहायक होती है. बेर में सिंडेटिव का प्रभाव होता है. ऐसे में शरीर और दिमाग को शांत रखता है. इस फल और बीज में सेपोनिंस और पॉलीसेकराइड्स होता है जिससे गहरी और अच्छी नींद आती है.
इसके अलावा इसमें फाइबर भी बहुत होता है जिससे पाचन शक्ति मजबूत होती है. साथ ही कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में सहायक होता है. बेर में कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन होता है जिससे हड्डियां मजबूत होती है. बेर में पोटेशियम अधिक होता है जिससे ब्लड प्रेशर सही रहता है.