राम मंदिर पर आरएसएस की बिसात में फंस गए विपक्षी; गुणा-गणित में जुटी कांग्रेस, सपा, बसपा
अयोध्या राम मंदिर निर्माण को लेकर आरएसएस द्वारा बिछाई बिसात पर फिलहाल तमाम विपक्षी दल असहज दिख रहे हैं। एक ओर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण पत्र का फोटो शेयर करने की होड़ मची है।
दूसरी ओर तमाम विरोधी दलों के नेताओं की सोच है कि न्योता न ही मिले तो ठीक है। कांग्रेस, सपा, बसपा, आम आदमी पार्टी सहित अन्य दल हानि-लाभ का गुणा-गणित लगाने में जुटे हैं। वहीं भाजपा के लिए दोनों हाथ लड्डू वाली स्थिति है। असल में मंदिर मुद्दे के सियासी मायने सब जानते हैं। संघ के एजेंडे में तो यह पहले से था मगर बीते तीन दशक से अधिक की भाजपा की राजनीति के केंद्र में भी यही मुद्दा रहा है। मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा और इस समारोह की गूंज को देशव्यापी करने की रणनीति भी बेहद सोच-समझ कर तय की गई है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा की तैयारी इस संकल्प पूर्ति को मोदी की गारंटी के रूप में पेश करने की है। वहीं विपक्ष की आमंत्रण पर आनाकानी को भी भाजपा ने चुनावी मुद्दा बनाने का फैसला कर लिया है। मुख्यमंत्री योगी लगातार कह रहे हैं कि अयोध्या का नाम तक न लेने वाले आज आमंत्रण पत्र को लेकर राजनीति कर रहे हैं।