PAK की ‘अलहिंद’ साजिश, भारत के मोस्टवांटेड फरहतुल्लाह गोरी को दिया युवाओं का ब्रेनवॉश करने का हुक्म

भारत के खिलाफ अपनी नापाक साजिशों से पाकिस्तान बाज नहीं आता है. उसकी नई साजिश का पर्दाफाश हुआ है. इसका नाम ‘अलहिंद’ और प्रायोजक पाकिस्तान व उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई है. इसके काम करने का तरीका खूंखार आतंकी संगठन ISIS वाला है. हैरान करने वाली बात पाकिस्तान ने इस साजिश का मोहरा भारत के एक मोस्टवांटेड को बनाया है. जिसका नाम है फरहतुल्लाह गोरी. वही आतंकी फरहतुल्लाह गोरी, जिसने आज से 22 साल पहले गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर आतंकी हमला करवाया था.
अब जो नई जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, पाकिस्तान में बैठे फरहतुल्लाह गोरी को नया टास्क मिला है. ये आदेश दिया गया है कि भारत में युवाओं का ब्रेनवॉश करो. भारत के युवाओं को धर्म के नाम पर गुमराह करो. Whatsapp और Telegram पर अलग-अलग ग्रुप के जरिए नफरती वीडियो फैलाने का हुक्म दिया गया है. भारतीय खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक लग चुकी है. जानकारियों के आधार पर एक डिटेल रिपोर्ट भी तैयार की गई है.
फरहतुल्लाह गोरी की साजिश क्या है
पाकिस्तान में बैठकर आतंकी फरहतुल्लाह गोरी कैसे भारत में अपने टेरर नेटवर्क को टूलकिट के जरिए ऑपरेट करने की तैयारी कर रहा है? उसके टेलीग्राम और व्हाट्स एप ग्रुप का खुलासा हुआ है. जिस तरह किसी कंपनी का टारगेट होता है, उसमें कर्मचारी होते हैं, उसी तरह ISI के इशारे पर ऑपरेशन अलहिंद के नाम से एक ऑनलाइन कंपनी जैसा स्ट्रक्चर बनाया गया है. इसमें भारत के युवाओं का ब्रेनवॉश करने वाला सेल है.

करीब 13 लिंक और 13 सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए दुष्प्रचार किया जाता है.
ISIS के टेलीग्राम ग्रुप और Whatsapp ग्रुप से युवाओं को जोड़ा जाता है.
नौजवानों का ब्रेनवॉश किया जाता है.
इन्हें जिहादी और मुजाहिद बनाया जाता है.
भारत के खिलाफ झूठे प्रचार के जरिए युवाओं को फंसाता है.
दुष्प्रचार वाले वीडियो ISIS के खास टेलीग्राम ग्रुप में डाले जाते हैं.
एक ग्रुप में लगभग 1200- 1300 लोग होते हैं.

इसमें नौजवानों को जिहाद करने के लिए उकसाया जाता है. दिमाग में नफरत भरने के बाद उसे दूसरे ग्रुप में जोड़ा जाता है. नौजवानों को हथियार उठाने के लिए उकसाया जाता है. पता ये भी चला है कि जिन लिंक के जरिए युवाओं तक नफरती वीडियो पहुंचाए जाते हैं, इनंमें अपलोड वीडियो को दिखाने के बाद जिहादियों को सियासत प्लस, दीन ए हक, अल हक, निसा इ हिंद, शील्ड ऑफ तकवा ग्रुप में जोड़कर अहमद मूसा जिब्रील की पुस्तक दी जाती थी.
ऐसे ग्रुप में शामिल कर आतंक की ट्रेनिंग दी जाती है
यहां पर नोट करने वाली बात ये है कि अहमद मूसा जिब्रील कट्टरपंथी धर्म उपदेशक है, जो अमेरिका के मिशिगन में रहता है. अपने नफरती वीडियो और कट्टर उपदेशों के जरिए धर्म आधारित जहर की खेती करता है. खुलासे के अनुसार एक सामान्य युवा को आतंकी बनाने के लिए कई श्रेणियां बनाई जाती हैं. पहले उन्हें गुमराह किया जाता है. फिर दिमाग में नफरत भरने के बाद उसे मुजाहिद बनाया जाता है. मुजाहिद का अर्थ है विधर्मियों से युद्ध करने वाला, जिहाद करने वाला. मुजाहिद बनाने के बाद स्टेज-3 वाली ट्रेनिंग दी जाती है, जिसे मुजाहिद्दीन कहा जाता है, जिसके लिए भी अलग ग्रुप होते हैं.
ऐसे ग्रुप में शामिल कर आतंक की ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें हथियार चलाने से लेकर बम बनाने तक की ट्रेनिंग होती है. इन ग्रुप में एक बार में 100 से 200 मुजाहिद्दीन शामिल होते हैं. एक नौजवान को मुजहिद्दीन बनाने के बाद उसे ISI की ओर से टास्क दिया जाता है. इसके लिए अलग से टेलीग्राम या व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाए जाते हैं. एक ग्रुप में 400 लोगों को शामिल किया जाता है. यहां दंगों से लेकर लोगों को मारने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के बारे में खुलकर चर्चा की जाती है. खास बात ये है कि हर महीने ऐसे ग्रुप को बंद करके नया ग्रुप बना दिया जाता है.
रिपोर्ट- टीवी9 ब्यूरो.

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