आतंकी हाफिज सईद की हिफाजत में जुटा पाकिस्तान, भारत को सौंपने से सीधा इनकार
भारत ने पाकिस्तान से मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद को प्रत्यर्पित करने को कहा है। भारत हाफिज सईद पर कई मुकदमे चलाना चाता है। हालांकि पाकिस्तान के बयान से पता चलता है कि वह आतंकियों की सुरक्षा की हर संभव कोशिश करने में लगा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का बयान सामने आया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा, यह बात जाननी जरूरी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी प्रत्यर्पण संधि मौजूद नहीं है।
मुमताज ने कहा, पाकिस्तान को भारत की तरफ से एक अनुरोध मिला है जिसमें का गया है कि तथाकथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाफिज सईद को सौंप दिया जाए। हालांकि यह ध्यान रखा जरूरी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी प्रत्यर्पण संधि नहीं हुई है। बता दें कि भारत में एनआईए ने हाफिज सईद पर कई केस दर्ज किए हैं। यूएन ने भी सईद को आतंकी घोषित कर दिया है। सऊद पर आतंकी फंडिंग का भी केस चल रहा है। लेकिन पाकिस्तान हाफिज सईद के साथ खड़ा है।
चुनाव लड़ना चाहता है सईद का बेटा
भारत ने सईद के बेटे तल्हा सईद के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों पर भी गौर किया और कहा कि उस देश में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों को “मुख्यधारा में आना” कोई नई बात नहीं है और यह लंबे समय से उसकी राज्य नीति का हिस्सा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि आतंकवादी के प्रत्यर्पण के लिए कुछ दस्तावेजों के साथ पिछले दिनों इस्लामाबाद को अनुरोध भेजा गया। बागची ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि हाल में प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भेजा गया था।
उन्होंने कहा, ”जिसका जिक्र हो रहा है, वह भारत में कई मामलों में वांछित है। उसे संयुक्त राष्ट्र ने भी आतंकवादी घोषित किया है। इस संबंध में, हमने प्रासंगिक जरूरी दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान सरकार को उसे भारत प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया है ताकि एक खास मामले में वह मुकदमा का सामना कर सके।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने कुछ सप्ताह पहले अनुरोध सौंपा था। प्रवक्ता ने कहा कि भारत पाकिस्तान को सईद की गतिविधियों के बारे में बताता रहा है और वह भारत में वांछित है।
सईद के बेटे के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि उस देश में “कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में आना” कोई नयी बात नहीं है। बागची ने कहा, “हमने इस संबंध में कुछ खबरें देखी हैं। यह एक आंतरिक मामला है।” उन्होंने कहा कि वह किसी भी देश के आंतरिक मुद्दों पर आम तौर पर टिप्पणी नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान में चरमपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में शामिल होना कोई नई बात नहीं है और लंबे समय से इसकी उसकी राज्य नीति का हिस्सा रहा है।” उन्होंने कहा, “इस तरह के घटनाक्रम का क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। हम निश्चित रूप से उन सभी घटनाक्रम पर नजर रखेंगे जिनका हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है।”