Panchak 2024: जल्द शुरू होने वाले कष्टकारी पंचक, बिल्कुल भी न करें ये कार्य, वरना मृत्यु के समान झेलेंगे दर्द!

हिंदू धर्म में किसी भी काम को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त का जरूर ध्यान रखा जाता है, जिससे किए गए काम का परिणाम बुरा न हो। ऐसे ही हर माह में 5 दिन ऐसे होते हैं जिनमें कई शुभ कामों को करने की मनाही होती है।

इन पांच दिनों को पंचक नाम से जाना जाता है। शनिवार के दिन से शुरू होने के कारण इन्हें मृत्यु पंचक कहा जाएगा। बता दें कि जब चंद्रमा दो राशियों के साथ इन पांच नक्षत्र यानी शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद, रेवती, पूर्वाभाद्रपद और धनिष्ठा नक्षत्र से होकर गुजरता है, तो इसे पंचक कहा जाता है। आइए जानते हैं साल के पहला पंचक कब से हो रहा है शुरू और किन कामों को करने की है मनाही…

जनवरी 2024 में कब से शुरू होंगे पंचक?

हिंदू पंचांग के अनुसार, 13 जनवरी को रात में 11 बजकर 35 मिनट से पंचक शुरू हो रहे हैं, जो 18 जनवरी की सुबह 3 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा। शनिवार के दिन शुरू होने के कारण इसे मृत्यु पंचक कहा जाएगा।

मृत्यु पंचक क्यों माने जाते हैं खतरनाक?

बता दें कि पंचक के आगे का नाम दिन के ऊपर निर्धारित होता है। शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। यह अन्य पंचकों से काफी खतरनाक होता है। मान्यता हैं कि इस पंचक के दौरान व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याएं अधिक होती है। इसके साथ ही दुर्घटना होने का खतरा अधिक होता है।

मृत्यु पंचक के दौरान न करें ये काम

मृत्यु पंचक के दौरान छत नहीं ढालनी चाहिए। माना जाता है पंचक के दौरान ढाली गई छत के नीचे रहने से घर की शांति भंग हो जाती है, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी।

पंचक के दौरान चारपाई बनवाने की मनाही होती है। बिल्कुल भी पंचक के दौरान चारपाई नहीं बनवानी चाहिए।

पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की और यात्रा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। अगर किसी कारणवश जाना पड़ रहा है, तो भगवान हनुमान की पूजा करें।

पंचक काल के दौरान अगर किसी की मृत्यु हो जाती है, तो पंचक दोष के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शव के साथ 5 कुश या आटा के पुतले बनाकर रखे जाते हैं। इन पांचों पुतलों को शव के साथ ही पूरे विधि के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है।

 

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