Paralympics 2024: इन भारतीय खिलाड़ियों पर रहेगी नजर, देश के लिए जीतकर लाएंगे गोल्ड मेडल
पेरिस ओलंपिक 2024 में भले ही भारतीय एथलीट ‘डबल डिजिट’ के लक्ष्य से चूक गए हों लेकिन अब नजरें भारत के पैरा-एथलीट्स पर हैं जो अपने ’25’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उतरेंगे. ओलंपिक के रोमांच के बाद 29 अगस्त से पेरिस में ही पैरालंपिक 2024 के मुकाबले शुरू हो जाएंगे. 28 अगस्त की शाम हुई ओपनिंग सेरेमनी के बाद अब सारा ध्यान मैदान से लेकर स्विमिंग पूल और बैडमिंटन कोर्ट से लेकर शूटिंग रेंज पर रहेगा, जहां दुनियाभर के पैरा-एथलीट के बीच जोरदार टक्कर होगी. भारत की ओर से इस बार 84 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जो देश की ओर से अब तक का सबसे बड़ा दल है. इसमें ही कुछ ऐसे नाम हैं, जो मेडल के सबसे बड़े दावेदार होंगे.
सुमित अंतिल
जिस तरह नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश में जैवलिन थ्रो को नई पहचान दिलाई, उसी तरह सुमित अंतिल ने भी पैरालंपिक में जैवलिन थ्रो में भारत का नाम रोशन किया है. सुमित से पहले दिग्गज थ्रोअर देवेंद्र झाझरिया ने भी इसी खेल में, लेकिन अलग कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता था. टोक्यो में नीरज की सफलता के बाद वहीं हुए पैरालंपिक में सुमित ने भी गोल्ड जीता था. उन्होंने F-64 कैटेगरी का गोल्ड मेडल जीता था. वो इस बार अपने खिताब का बचाव करने उतरेंगे और इसमें सफलता के मजबूत दावेदार भी हैं. टोक्यो की सफलता के बाद उन्होंने एशियन पैरा गेम्स 2022 में 73.29 मीटर थ्रो के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था, जो आज भी कायम है.
अवनि लेखारा
पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर की दोहरी सफलता से पहले शूटर अवनि लेखारा ने ये कमाल कर दिखाया था. टोक्यो पैरालंपिक में राइफल शूटर अवनी ने 2 मेडल जीते थे, जिसमें एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज था. सिर्फ 10 साल की उम्र में अपने दोनों पैर गंवाने के बाद व्हील चेयर की मदद लेने वालीं अवनि ने टोक्यो में वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 कैटेगरी में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था. वो एक बार फिर इस इवेंट में ही दावेदारी पेश करेंगी और गोल्ड की दावेदार होंगी.
भाग्यश्री जाधव
सुमित अंतिल के साथ गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी में भारत की ध्वजवाहर एथलीट भाग्यश्री के लिए टोक्यो पैरालंपिक अच्छा नहीं रहा था लेकिन इस बार वो मेडल की मजबूत दावेदार हैं. महिलाओं की शॉट पट F-34 कैटेगरी में भारत की दावेदारी पेश करने वाली भाग्यश्री ने इसी साल मई में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. इससे पहले पिछले साल हुए एशियन पैरा गेम्स में भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया था.
सुहास एलवाई और कृष्णा नागर
बैडमिंटन में पेरिस ओलंपिक भारत के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ और लगातार 3 गेम्स में मेडल के बाद इस बार खाली हाथ लौटना पड़ा. पैरालंपिक में ऐसा न हो, इसकी उम्मीद भारतीय फैंस करेंगे. भारत की ओर से दो बेहद मजबूत दावेदार भी इस इवेंट में उतर रहे हैं. इसमें सबसे खास नाम है कृष्णा नागर, जो अपने खिताब की रक्षा के लिए उतरेंगे. नागर ने टोक्यो गेम्स में मेंस सिंगल्स SH-6 कैटेगरी का गोल्ड मेडल जीता था और इस बार भी वो इस कैटेगरी में जीत के दावेदार होंगे.
वहीं उत्तर प्रदेश काडर के आईएएस अधिकारी सुहास एल यतिराज (एलवाई) ने नौकरशाह होने के साथ-साथ गेम्स में भी अपना दम दिखाकर खूब प्रसिद्धि हासिल की है. टोक्यो गेम्स में उन्होंने मेंस सिंगल्स SL-4 कैटेगरी का सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. उन्होंने ये उपलब्धि तब हासिल की, जब वो गौतमबुद्ध नगर के डीएम थे. इस बार वो अपने मेडल के रंग को सुनहरा करने के इरादे से उतरेंगे.