Parenting Mistakes: बेटे के पैरेंट्स हैं तो कभी ना कहे उससे ये बातें, आत्मविश्वास में आ जाती है कमी
बेटी हो बेटा, दोनों की परवरिश में एक समान बातों का ध्यान रखना होता है। लेकिन कई बार बेटे के पैरेंट्स परवरिश को लेकर कुछ बातों का ध्यान नहीं रखते। जिसकी वजह से उनका बढ़ता बच्चा आत्मविश्वास के मामले में कमजोर हो जाता है और कई बार काफी उग्र और गुस्सैल स्वभाव का बन जाता है। जिसका कारण पैरेंट्स के द्वारा कहीं कुछ बातें होते हैं। जो बेटे के कमजोर मन गहरा असर डालती हैं। अगर आप बेटे के पैरेंट्स हैं तो उसे भूलकर भी इन बातों को ना कहें।
बैठकर खाता रहता है
अगर आपका बेटा किसी परीक्षा की तैयारी कर रहा है या कॉलेज में एडमिशन की कोशिश में है और रूटीन में कहीं बाहर नहीं जाता। तो उसे इस तरह के ताने अक्सर घरवालों से सुनने पड़ते हैं। लेकिन अपने बड़े होते, परीक्षा की तैयारी करते बेटे से ऐसी बातें बिल्कुल भी नहीं कहनी चाहिए। इससे उसके मन पर निगेटिव असर पड़ता है और उनका आत्मविश्वास भी कमजोर होता है। अक्सर पैरेंट्स को लगता है कि बेटा है तो जल्दी से कमाने और अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाना सीख जाए। लेकिन जरूरी नहीं कि सफलता एक बार में या आसानी से हाथ लग जाए। ऐसे में बेटे के प्रति ऐसे कड़वे शब्द पैरेंट्स और बेटे में दूरी पैदा करने लगते हैं।
तुम्हें रोना नहीं चाहिए
अक्सर छोटे बच्चों खासतौर पर लड़कों को उनके पैरेंट्स कहते हैं कि तुम्हें रोना नहीं चाहिए। या तुम लड़के हो तुम्हें रोना शोभा नहीं देता। ऐसे शब्द बच्चे के बालमन पर गहरा असर डालते हैं। और बेटे को लगने लगता है कि उसके मन की बात कोई नहीं समझता।
ना करें दूसरों से तुलना
अगर आप अपने बेटे की तुलना दूसरे बच्चे या भाई-बहन से करते हैं। तो फौरन इस आदत को बंद कर दें। बच्चे की पढ़ाई से लेकर उसकी आदतों की तुलना के लिए ये कहना कि तुम अपने भाई या बहन जैसा नहीं करते। ये बात बेटे के मन को दुखी करती है और उसका आत्मविश्वास कमजोर होता है। वहीं कई बार बच्चे के मन में अपने भाई या बहन के प्रति द्वेष की भावना भी आने लगती है।
तुम्हीं ने झगड़ा शुरू किया होगा
बेटे का घर से बाहर झगड़ा हो गया या फिर घर में ही बहन से झगड़ा हो गया। तो बिना उसका पक्ष जाने ये कहना कि गलती तुम्हारी होगी, तुम्हीं ने झगड़ा शुरू किया होगा। गलत है। इस तरह की बातों से बेटे के मन में पैरेंट्स के प्रति प्यार कम होने लगता है। बेटे सोचते हैं कि उसके माता-पिता उसे हमेशा गलत सोचते हैं। साथ ही बेटे के मन में दूरियां भी पैदा होने लगती हैं।