Paris 2024: नीरज चोपड़ा समेत वो 10 भारतीय फौजी जो बॉर्डर पर नहीं, ओलंपिक में लहराएंगे तिरंगा

पेरिस ओलंपिक 2024 अब करीब है. 26 जुलाई से दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन की शुरुआत होगी. जाहिर तौर पर पूरी दुनिया की नजरें भी इन गेम्स पर लगी होंगी और करीब 10 हजार एथलीट अलग-अलग खेलों में अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे. भारत की ओर से भी इस बार 128 एथलीट तिरंगे को लहराने की उम्मीद के साथ उतरेंगे. हर ओलंपिक की तरह इस बार भी एक खास बात भारतीय दल में रहेगी और ये है भारतीय सेना से जुड़े खिलाड़ी. कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ हों या रवि कुमार या फिर ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा, ओलंपिक में भारतीय सुरक्षाबल से जुड़े खिलाड़ी हमेशा से शिरकत करते रहे हैं और देश के लिए मेडल भी जीतकर आए हैं. नीरज चोपड़ा समेत कुल 11 फौजी इस बार पेरिस में भारत की दावेदारी पेश करेंगे.
नीरज चोपड़ा
जैवलिन थ्रो को देश में लोकप्रिय बनाने वाले नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर तैनात हैं. वो लगातार हर बड़े इवेंट में शानदार प्रदर्शन कर देश के साथ ही सेना का भी मान बढ़ाते रहे हैं. टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज लगातार दूसरी बार ये सफलता दोहराने के इरादे से उतरेंगे.
अविनाश साबले
नीरज के अलावा अगर किसी एथलीट ने अपने खेल में अच्छा प्रदर्शन करने के साथ ही लगातार सुधार भी किया है तो वो हैं रेसर अविनाश साबले. भारतीय सेना में नाइब सूबेदार अविनाश साबले 3000 मीटर स्टीपल चेज में 10 बार नेशनल रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं. पेरिस में भी इसी इवेंट में वो कमाल करने के इरादे से उतरेंगे.
अमित पंघाल
टोक्यो ओलंपिक की नाकामी से पहले अमित पंघाल के नाम की धूम थी. भारतीय सेना में सूबेदार अमित पंघाल ने बॉक्सिंग में वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन गेम्स समेत कई मेडल जीते थे. पिछले कुछ सालों में पंघाल का प्रदर्शन गिरा है लेकिन पेरिस ओलंपिक से पहले वो फॉर्म में लौटते दिखे हैं और फ्लाईवेट कैटेगरी में दावा ठोकेंगे.
वरुण तोमर
पिछले ओलंपिक में शूटिंग में भारत के लिए मेडल की बड़ी उम्मीद रहे सौरभ चौधरी तो इस बार गेम्स का हिस्सा नहीं हैं लेकिन उनके रिश्तेदार वरुण तोमर उसी इवेंट में दावेदारी पेश करेंगे. 21 साल के वरुण सेना में हवलदार हैं और 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में उतरेंगे.
प्रवीण जाधव
महाराष्ट्र से आने वाले प्रवीण आर्चरी में दम दिखाने उतरेंगे. ये उनका लगातार दूसरा ओलंपिक होगा. पिछली बार उन्हें कोई मेडल तो नहीं मिला लेकिन कुछ मैचों में उन्होंने काफी प्रभावित किया था. 28 साल के प्रवीण सेना में रिसलदार के पद पर तैनात हैं.
तरुणदीप राय
प्रवीण की तरह ही आर्चरी में एक और भारतीय फौजी अपना दम दिखाएगा. देश के सबसे अनुभवी तीरंदाजों में से एक तरुणदीप सेना में सूबेदार हैं और सिक्किम से आते हैं. 40 साल के तरुणदीप पुरुषों के इंडिविजुअल और टीम इवेंट में दावा पेश करेंगे. वो 2004 से ही ओलंपिक में हिस्सा ले रहे हैं.
धीरज बोम्मादेवरा
भारतीय सेना से ही आने वाले एक और तीरंदाज पर देश की नजरें होंगी. सिर्फ 21 साल के हवलदार धीरज भी व्यक्तिगत और टीम इवेंट में हिस्सा लेंगे. अलग-अलग टूर्नामेंट्स में मेडल्स जीत चुके धीरज का ये पहला ही ओलंपिक है.
बलराज पंवार
पिछले ओलंपिक में भी भारतीय सेना से जुड़े जवानों ने रोइंग इवेंट में हिस्सा लिया था और इस बार भी वही सिलसिला जारी है. सिपाही बलराज पंवार ने एशिया-ओशेनिया क्वालिफाइंग इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था.
सर्वेश कुशारे
भारत के नंबर-1 हाई जंपर रहे तेजस्विन शंकर इस बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए लेकिन उनकी जगह मोर्चा संभालेंगे हवलदार सर्वेश. इस युवा फौजी ने कुछ ही हफ्ते पहले हुई इंटर-स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तेजस्विन को पीछे छोड़ते हुए गोल्ड जीता था और पेरिस के लिए क्वालिफाई किया. उनका भी ये पहला ही ओलंपिक है.
एन श्रीराम बालाजी
टेनिस में भारत के लिए 1996 के अटलांटा ओलंपिक के बाद से आजतक कोई सफलता नहीं आई है. एक बार फिर रोहन बोपन्ना इस दारोमदार को संभालेंगे और मेंस डबल्स में उनका साथ देंगे एन श्रीराम बालाजी, जो पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेंगे. बालाजी सेना में हवलदार हैं.

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