Paris 2024: सरकार ने इस खेल को दिए करीब 100 करोड़, जानिए नीरज चोपड़ा पर कितना खर्चा हुआ
पेरिस में 26 जुलाई से ओलंपिक गेम्स की शुरुआत हो जाएगी. इस बार तीन साल के बाद ही ओलंपिक की वापसी हो रही है और ये तीन साल भारतीय एथलीट और फैंस के लिए काफी उम्मीदों से भरे रहे हैं. टोक्यो में 2021 में आयोजित हुए ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था और देश की झोली में अब तक के सबसे ज्यादा 7 मेडल आए थे. पेरिस में इस संख्या के बढ़ने की उम्मीद और ख्वाहिश है और ये उम्मीद उस डिसिप्लिन में सबसे ज्यादा बढ़ी है, जिसमें भारत विश्व स्तर पर काफी पिछड़ा रहा है- एथलेटिक्स. टोक्यो में नीरज चोपड़ा की स्वर्णिम सफलता ने भारत में खेल के कर्ता-धर्ताओं को इस ओर निवेश के लिए प्रेरित किया है, तभी तो पिछले 3 साल के अंदर एथलेटिक्स पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
फ्रांस की राजधानी पेरिस में शुरू होने जा रहे गेम्स से करीब 11 दिन पहले एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि टोक्यो ओलंपिक के बाद और पेरिस ओलंपिक शुरू होने से पहले, पिछले तीन साल में 16 अलग-अलग खेलों में तैयारियों के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) की ओर से करीब 470 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इसमें सबसे ज्यादा पैसा एथलेटिक्स के लिए दिया गया, जो तीन साल पहले तक किसी सपने जैसा था.
एथलेटिक्स को सबसे ज्यादा पैसा
पीटीआई की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि SAI की मिशन ‘ओलंपिक सेल’ ने पिछले 3 सालों में एथलेटिक्स पर सबसे ज्यादा 96.08 करोड़ रुपये खर्च किए. ये खर्चा खिलाड़ियों के लिए देश-विदेश में ट्रेनिंग से लेकर कोच की नियुक्ति और इक्विपमेंट्स उपलब्ध कराने जैसे कामों में हुआ है. एथलेटिक्स में इस बार भारत का प्रतिनिधित्व भी पहले के किसी भी ओलंपिक की तुलना में सबसे ज्यादा है. टोक्यो ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा के नेतृत्व में कुल 28 खिलाड़ी एथलेटिक्स के अलग-अलग इवेंट्स में हिस्सा लेंगे.
अब इस आंकड़े को पिछले 3 साल के खर्चे का नतीजा माना जाए या एथलेटिक्स में बेहतर प्रदर्शन को इतनी बड़ी रकम खर्च करने की वजह माना जाए, ये अपने-आप में ऐतिहासिक है. इसमें टोक्यो में एथलेटिक्स का पहला मेडल, वो भी सीधे गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा के असर की भी भूमिका मानी जा रही है. इस 96 करोड़ में से अकेले नीरज चोपड़ा पर ही 5.72 करोड़ रुपये सरकार ने खर्च किए.
बैडमिंटन-हॉकी को भी बड़ी मदद
सिर्फ एथलेटिक्स ही नहीं, मेडल दिलाने वाले दूसरे खेलों को भी अच्छा सपोर्ट सरकार की ओर से मिला. इसमें दूसरे नंबर पर बैडमिंटन रहा, जिसे 72.02 करोड़ रुपये मिले, जबकि तीसरे नंबर पर बॉक्सिंग है जिस पर 60.93 करोड़ और चौथे पर शूटिंग (60.42 करोड़) रहे. वहीं पिछले ओलंपिक में 41 साल बाद ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली हॉकी टीम पर 41.29 करोड़ रुपये खर्च किए गए. इनके अलावा टेबल टेनिस, जूडो, गोल्फ, सेलिंग, टेनिस, स्विमिंग जैसे खेलों के एथलीटों को भी सरकार की ओर से करोड़ों में मदद मिली.