Paris Olympics: विनेश फोगाट के वजन पर बवाल, बॉक्सर के जेंडर पर सवाल, 6 बड़े विवादों ने किया मजा किरकिरा
पूरे तीन साल का इंतजार करने के बाद आए पेरिस ओलंपिक गेम्स 2024 भी अब खत्म हो चुके हैं. करीब ढाई हफ्तों तक चले दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन में हर बार की तरह कई खिलाड़ियों ने हैरतअंगेज प्रदर्शन कर मेडल जीते. साथ ही दुनिया का दिल भी जीता. ज्यादातर खिलाड़ियों को इस बार भी निराशा मिली. भारत के हिस्से भी हर बार की तरह थोड़ी खुशी, ज्यादा गम ही आया. इन सबके साथ ही हर ओलंपिक की तरह इस बार भी कुछ बड़े विवाद हुए और इसमें भी हर ओलंपिक की तरह भारत की भागेदारी रही. ऐसे ही 5 बड़े विवादों के बारे में आपको बताते हैं, जिनकी ओर पूरी दुनिया की नजरें घूमीं-
रेसलर विनेश फोगाट
भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट अपने तीसरे ओलंपिक में हिस्सा ले रही थीं और पिछले दो ओलंपिक की नाकामियों के बाद इस बार मेडल जीतने की कगार पर थीं. विनेश 50 किलोग्राम कैटेगरी में हिस्सा ले रही थीं और पहले ही मैच में वर्ल्ड नंबर-1 जापान की युई सुसाकी को हराकर चौंका चुकी थीं. विनेश एक ही दिन में 3 मैच जीतकर फाइनल में जगह भी बनाई लेकिन फाइनल वाले दिन उनके साथ ही पूरे देश को जोर का झटका लगा. 7 अगस्त को फाइनल होना था लेकिन उसी सुबह विनेश का वजन तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया जिसके बाद उन्हें पूरे टूर्नामेंट से डिस्क्वालिफाई कर दिया गया. इसने भारत समेत पूरे रेसलिंग जगत को हिला दिया. विनेश ने इसके खिलाफ CAS में अपील की और सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग कीं. यहां 9 अगस्त को सुनवाई हुई और 13 अगस्त को इस पर फैसला आएगा.
रेसलर अंतिम पंघाल
भारतीय रेसलिंग के लिए ये ओलंपिक ज्यादा अच्छा साबित नहीं हुआ. 19 साल की अंतिम पंघाल अपने पहले ओलंपिक में हिस्सा ले रही थीं और पहले ही राउंड में बुरी तरह हारकर बाहर हो गईं. उनकी हार के बाद दूसरी वजहों से बवाल हुआ. असल में अपनी बाउट के बाद अंतिम ने खराब तबीयत का हवाला दिया और गेम्स विलेज से बाहर अपनी बहन के साथ होटल में चली गईं. इसके बाद सामने आया कि अंतिम पंघाल ने अपने एक्रेडिटेशन कार्ड से बहन को गेम्स विलेज में प्रवेश करवाने की कोशिश की. इस कोशिश में पुलिस ने बहन सीमा पंघाल को पकड़ लिया था और IOA के दखल के बाद उन्हें छोड़ा गया. इतना ही नहीं, उनके कोच पर भी कैब ड्राइवर से पैसों को लेकर झगड़े के आरोप लगे. अंतिम ने इन आरोपों को गलत बताया और कहा कि तबीयत खराब थी, इसलिए उनकी बहन कार्ड लेकर खेल गांव से सामान लेने गई थी. IOA ने अंतिम को तुरंत देश वापस लौटने का आदेश दिया और अब उन पर 3 साल के बैन की तलवार लटक रही है.
बॉक्सर इमान खेलीफ
विनेश फोगाट से पहले ओलंपिक में जो सबसे बड़ा विवाद हुआ, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हुई और अभी भी हो रही है, वो है अल्जीरिया की बॉक्सर ईमान खेलीफ और उनका जेंडर. महिलाओं की 66 किलो वेट कैटेगरी में इमान खेलीफ का पहला मैच इटली की एंजेला कैरिनी से हुआ, जिन्हें खेलीफ ने सिर्फ 46 सेकेंड में हरा दिया. खेलीफ के पंच ने कैरिनी को दहला दिया था और उन्होंने मैच बीच में छोड़ दिया और रोने लगीं. इसके बाद शुरू हुआ सबसे बड़ा बवाल. खेलीफ पर आरोप लगे कि वो ‘बायोलॉजिकल मेल’ हैं यानी उनका जन्म पुरुष के रूप में हुआ था लेकिन वो महिलाओं की कैटेगरी में लड़ रही थीं. इसका आधार इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन का फैसला था, जिसने खेलीफ को एक साल पहले डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था क्योंकि उनके मेडिकल टेस्ट में ‘XY’ क्रोमोजोम पाए गए थे, जो पुरुषों में होते हैं. पूरी दुनिया में इस पर हल्ला मचा लेकिन ओलंपिक कमेटी ने उनका सपोर्ट किया और IBA की टेस्टिंग पर सवाल खड़े किए. आखिर में खेलीफ ने ही इस कैटेगरी का गोल्ड मेडल जीता.
स्विमर लुआना अलोंसो
पराग्वे की 20 साल की तैराक लुआना अलोंसो अपने प्रदर्शन से तो कुछ खास नहीं कर पाईं लेकिन सुर्खियां उन्होंने जरूर बटोरीं. अलोंसो अपने कम्पटीशन के सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पाई थीं और उनका सफर क्वालिफिकेशन में ही खत्म हो गया था. इसके बाद भी कुछ वक्त वो गेम्स विलेज में रहीं और फिर अचानक खबर आई कि उन्हें निकाल दिया गया है. रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि उन्हें उनकी सुंदरता के कारण निकाला गया, क्योंकि वो लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव थीं और ये उनके साथी खिलाड़ियों के लिए परेशानी का कारण बन रहा था. साथ ही उन पर अनुचित व्यवहार के आरोप भी लगे. अलोंसो ने इन सभी दावों को गलत बताया और कहा कि उन्हें निकाला ही नहीं गया. अलोंसो ने हालांकि तुरंत ही संन्यास का ऐलान भी कर दिया
जिम्नास्ट जॉर्डन चाइल्स
जहां एक तरफ विनेश फोगाट को मेडल जीतने से पहले ही बाहर कर दिया गया तो अमेरिका की जिम्नास्ट जॉर्डन चाइल्स से तो मेडल जीतने के बाद छीन लिया गया. विनेश ने अपने सिल्वर मेडल की मांग के लिए CAS में अपील की, तो दूसरी ओर चाइल्स को CAS के फैसले के कारण मेडल से हाथ धोना पड़ा. असल में चाइल्स को जिम्नास्टिक के फ्लोर एक्सर्साइज इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल मिला था. लेकिन इसके खिलाफ CAS में अपील हुई और यहां उन्हें हार मिली. CAS ने अपने फैसले में बताया कि इवेंट के दौरान चाइल्स की कोच सेसिल लैन्डी ने स्कोर में 0.1 पॉइट जोड़ने की अपील की थी, जिसे मान लिया गया था लेकिन उन्होंने ये अपील जिम्नास्टिक फेडरेशन की तय 1 मिनट की विंडो के 4 सेकेंड बाद की थी. यानी 1.4 सेकेंड में उन्होंने ये अपील की, जिसे तब मान लिया गया था लेकिन ये गलत था. ऐसे में उनके स्कोर से वो 0.1 हटाया गया और ब्रॉन्ज छिन गया. रोमानिया की ऐना बारबोसु को ब्रॉन्ज मिला.
हॉकी खिलाड़ी टॉम क्रेग
ऑस्ट्रेलिया की मेंस हॉकी टीम के लिए ये ओलंपिक अच्छे नहीं रहे और टीम पोडियम में नहीं पहुंच पाई. उसे एक तरफ भारत के हाथों 2-3 से हार मिली, वहीं बेल्जियम ने 6-2 और नीदरलैंड ने 2-0 से रौंदा. अगर ये काफी नहीं था तो उसके एक खिलाड़ी की हरकत पूरी टीम और देश के लिए शर्म का कारण बन गई. 28 साल के टॉम क्रेग को पेरिस पुलिस ने गेम्स विलेज के बाहर 17 साल के एक लड़के से कोकेन खरीदने की कोशिश में पकड़ लिया. हालांकि, इसके बाद पुलिस ने बिना कोई मामला दर्ज किए उन्हें छोड़ दिया लेकिन ऑस्ट्रेलिया ओलंपिक कमेटी ने उन्हें पूरी तरह से बाहर कर दिया. क्रेग ने बाद में अपनी गलती मानते हुए माफी मांगी.