Paush Purnima 2024: साल की पहली पूर्णिमा आज, ये 3 उपाय करने वालों को मालामाल करेंगी मां लक्ष्मी

आज पौष पूर्णिमा है.सूर्य और चंद्रमा के मिलन का पावन दिन पौष पूर्णिमा है. पौष का महीना सूर्य देव का माह है और पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि है. यानी सूर्य आत्मा है तो चंद्रमा मन है.

सूर्य और चंद्रमा का ये अद्भूत संगम पौष पूर्णिमा की तिथि को ही होता है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन आने वाली बाधाएं दूर होती है.

पौष महीने की पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने की सनातन परंपरा रही है. कहते हैं कि पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है. हिन्दू धर्म में इस पूर्णिमा को काफी महत्व दिया जाता है. इस दिन पूजा-उपासना से मोक्ष की प्राप्ति होती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

पौष पूर्णिमा पर कैसे करें पूजा और स्नान?

सुबह स्नान से पहले संकल्प लें. पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें. फिर स्नान करना शुरू करें. साफ कपड़े पहनें और सूर्य को अर्घ्य दें. इसके बाद मंत्र जाप करके कुछ दान जरूर करें. इस दिन उपवास रखना बेहतर होगा. पूर्णिमा की रात्रि को चन्द्रमा के समक्ष ध्यान करें या प्रार्थना करें. आपकी प्रार्थना स्वीकृत होगी.

 

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