Paytm, PhonePe और BharatPe की तरह अब हर दुकान पर दिखेगा Google Pay साउंडपॉड
Google के Google Pay साउंडपॉड जल्द ही भारत में सभी छोटे व्यापारियों के लिए उपलब्ध होंगे। कंपनी ने घोषणा करते हुए कहा है कि वह लाखों छोटे और मध्यम आकार के बिजनेसेज के लिए पेमेंट को और ज्यादा आसान बनाने जा रहा है। कंपनी ने पिछले साल ही इसके लिए एक पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया था जिसमें शामिल हुए व्यापारियों से कंपनी को पॉजिटिव फीडबैक मिला है। अब कंपनी देश के लाखों छोटे व्यापारियों के लिए भी GPay साउंडबॉक्स को जल्द उपलब्ध करवाए जाने की बात कह रही है।
Google के Google Pay साउंडपॉड जल्द ही मार्केट में बहुतायत में दिखने लगेंगे। कंपनी ने रोलआउट की घोषणा कर दी है जिसकी जानकारी ब्लॉग पोस्ट में भी दी गई है। बता दें कि Google Pay SoundPod एक तरह के ऑडियो डिवाइस हैं जो QR कोड पेमेंट को साउंड अलर्ट के जरिए ट्रैक करने में मदद करते हैं। आपने QR कोड के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करते हुए समय Paytm के साउंडपॉड भी देखें होंगे। अब जल्द ही Google Pay के लिए भी इसी तरह के डिवाइसेज मर्चेंट्स के पास उपलब्ध होंगे। गूगल ने हाल ही में खुलासा किया था कि उसने एनपीसीई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) के साथ भागीदारी की है जिससे कि भारत के बाहर से भी यूपीआई पेमेंट्स हो सकेंगीं।
Paytm, PhonePe और BharatPe के बाद Google भारत में साउंडपॉड लॉन्च करने वाली लेटेस्ट कंपनी है। साउंडबॉक्स के जरिए पेमेंट अलर्ट पाने की शुरुआत सबसे पहले Paytm ने की थी। कंपनी ने 2020 में अपने साउंडबॉक्स लॉन्च किए थे जब देश समेत दुनियाभर में कोरोना महामारी फैली हुई थी।
Google ने कहा है कि व्यापारी ऑडियो नोटिफिकेशन सर्विस इस्तेमाल करने के लिए Google Pay for Business ऐप के माध्यम से साइनअप कर सकते हैं। मनी कंट्रोल के अनुसार, इसके लिए कंपनी डेली प्लान, और वार्षिक प्लान पेश करती है। प्लान चुनने के बाद डेली सेटलमेंट ऑप्शन को शुरू करके सर्विस को इस्तेमाल किया जा सकेगा। डेली प्लान में मर्चेंट को वन टाइम फीस देनी होगी जो कि 499 रुपये है। जिसके बाद महीने में 25 दिनों तक रोजाना पांच रुपये सेटलमेंट अकाउंट में से काटे जाएंगे। वार्षिक प्लान में 1499 रुपये मर्चेंट के सेटलमेंट अकाउंट में से काटे जाएंगे।
Google Pay SoundPod ऑडियो अलर्ट सर्विस अंग्रेजी के अलावा 6 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी जिसमें हिंदी, कन्नड़, तमिल, बंगाली, मराठी, और गुजराती शामिल हैं।