बेंगलुरु में शख्स के साथ UBER कैब में 1.5 घंटे तक हुआ ये सब, कंपनी भी हो गई शर्मिंदा
अक्सर ही हम ऐसी ख़बरों से दो चार होते हैं जिनमें जनता, कैब ड्राइवर के बुरे बर्ताव का सामना करती है. ऐसे मामलों में सबसे दुखद ये रहता है कि. लगातार मिलती शिकायतों के बावजूद सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां जैसे ओला, उबर या रैपिडो का इन्हें बार बार नजरअंदाज करना. या फिर वही जवाब देना जिसे ये खानापूर्ति के नाम पर हर दूसरे कस्टमर संग साझा करती हैं. सवाल होगा कि अचानक ये बातें क्यों? वजह है आईटी हब बेंगलुरु. जहां गूगल के एक कर्मचारी के साथ जो उबर के कैब ड्राइवर ने किया वो कई मायनों में हैरान करने वाला है.
गूगल के एक कर्मचारी ने बेंगलुरु में अपने ‘पहले बुरे अनुभव’ का जिक्र करते हुए दावा किया कि एक उबर ड्राइवर ने उसके साथ ‘दुर्व्यवहार’ किया, साथ ही उसने उसे ‘कार से बाहर निकलने’ के लिए भी कहा.
माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट एक्स पर स्ट्राइवर नाम के यूजर ने उबर में यात्रा के दौरान अपने बुरे अनुभवों को साझा किया. जिसके फौरन बाद उबर की ओर से प्रतिक्रिया आई है.
स्ट्राइवर के बायो के अनुसार वो Google इंजीनियर है. अपनी पोस्ट में उसने बताया कि वो अपने दोस्त के साथ उबर कैब में यात्रा कर रहा था और उसे ‘सिरदर्द’ हो गया क्योंकि शुरुआत के आधे घंटे ड्राइवर ने लगातार अपने फ़ोन के लाउडस्पीकर पर बात की. Google कर्मचारी ने दावा किया कि उन्होंने ड्राइवर को इयरफ़ोन का उपयोग करने की सलाह दी जिससे कैब ड्राइवर आहत हो गया और उनके साथ ‘दुर्व्यवहार’ किया.
कैब की नंबर प्लेट वाली फोटो के साथ, स्ट्राइवर ने अपने पोस्ट में कहा, ‘इस उबर @Uber_India को बुक किया, यात्रा का अनुमानित समय 1.5 घंटे था. पहले 30 मिनट तक ड्राइवर लगातार अपने फोन पर लाउडस्पीकर पर बात करता रहा जिससे मुझे और मेरे दोस्त के सिर में दर्द हुआ, हमने उससे विनम्रतापूर्वक हेडफ़ोन का इस्तेमाल करने या फिर बाद में बात करने के लिए कहा. जरा सोचिये आगे क्या हुआ?”
पोस्ट में स्ट्राइवर ने कहा कि, ‘हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया और हमें कार से बाहर निकलने के लिए कहा गया. साथ ही ड्राइवर ने ये भी कहा कि वो उन लोगों के साथ यात्रा करने में सहज नहीं है.
उबर ने भी इस मामले को ‘गंभीरता’ से लिया और कहा कि, ‘ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है,’ और इसके बाद उबर ने यात्री से उसके यात्रा के विवरण को साझा करने का आग्रह किया.