पाई-पाई को मोहताज हुआ Byju’s, पहले बंद करने पड़े ऑफिस और अब बंद हुए इतने ट्यूशन सेंटर
Byju’s का संकट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. बायजूस कभी देश का सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप और सबसे शुरुआती यूनिकॉर्न था, लेकिन अब हालात ये हैं कि उसे पाई-पाई के लिए मोहताज होना पड़ रहा है. पैसों की बचत के लिए बायजूस को पहले तो अपने सभी रीजनल ऑफिस बंद करने पड़े और अब उसे अपने ट्यूशन सेंटर भी बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
नकदी की समस्या से जूझ रहे बायजूस की हालत श्रीलंका की तरह हो गई है, जहां खर्चे बचाने के लिए कंपनी ने एक-एक करके अपने हाथ समेटना शुरू कर चुकी है. कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायूज रवींद्रन की इंवेस्टर्स से सुलह हो नहीं पाई है और जितनी जगह से वह पैसा जुटा या बचा सकते थे, वह सारे उपाय वह कर रहे हैं, जिसमें अपना और परिवार का घर तक गिरवी रखना शामिल है.
बंद हुए इतने ट्यूशन सेंटर
आकाश एजुकेशनल सर्विसेस का अधिग्रहण करने के बाद बायजूस ने देशभर में अपने ट्यूशन सेंटर भी खोलने शुरू किए थे. बायजूस ब्रांड का मालिकाना हक थिंक एंड लर्न लिमिटेड के पास है जिसने अपने 292 ट्यूशन सेंटर में से 30 को बंद कर दिया है. बायजूस का कहना है कि ये उसके खर्च कम करने के उपायों से एक है.
बायजूस का लक्ष्य है कि वह अपने ऑपरेशन के तीसरे साल में अधिकांश केंद्रों को मुनाफे में लेकर आए. उसे अपने शिक्षकों के समर्पण और अपने छात्रों के प्रदर्शन पर बेहद गर्व है. क्वालिटी पर ध्यान देने से उसके अधिकांश ट्यूशन सेंटर को तीसरे साल में लाभदायक बनाने में मदद मिल रही है. कंपनी के बचे हुए 262 ट्यूशन सेंटर पहले की तरह हाइब्रिड मॉडल पर काम करते रहेंगे.
पहले बंद हुए रीजनल ऑफिस
इससे पहले कंपनी ने नकदी बचाने के लिए अपने सभी रीजनल ऑफिस बंद कर दिए थे. इनमें काम करने वाले करीब 15,000 एम्प्लॉइज को अनिश्चितकाल के लिए वर्क फ्रॉम भी दे दिया था. अब बायजूस का सिर्फ एक कॉरपोरेट ऑफिस है. ये बेंगलुरू के नॉलेज पार्क में आईबीसी हेडक्वार्टर पर है. बायजूस ने 20 से ज्यादा रीजनल ऑफिस खोले थे, जो दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई और अन्य शहरों मे खुले हुए थे.
कितना बड़ा है बायजूस का संकट?
बायजूस के पास नकदी की भारी कमी है. कंपनी के फाउंडर रवींद्रन बायजू और उनके परिवार को अपना घर तक गिरवी रखना पड़ा है, ताकि वह कंपनी के कर्मचारियों की सैलरी दे सकें. इतना ही नहीं कंपनी के कुछ इंवेस्टर्स बायजू और उनके परिवार को कंपनी के बोर्ड से हटाने के लिए ईजीएम तक बुला चुके हैं और उन्हें बाहर करने का प्रस्ताव पास कर चुके हैं. इस बीच बायजू रवींद्रन ने साफ कर दिया है कि वही कंपनी के फाउंडर और सीईओ हैं.