PM मोदी पर क्यों भिड़े चीन और ताइवान? जानिए क्या है पूरा मामला
राजग सरकार ने तीसरी बार सत्ता में वापसी की है. लोकसभा चुनाव में जीत के बाद दुनिया भर के ग्लोबल लीडर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई और शुभकामनाएं दी, लेकिन पीएम मोदी को शुभकामनाएं देने को लेकर चीन और ताइवान आपस में भिड़ गए हैं. चीन ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं देता है. उसे चीनी गणराज्य का अंग मानता है. ऐसे में जब ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने पीएम मोदी को बधाई दी तो प्रधानमंत्री ने भी उन्हें बधाई देने के लिए धन्यवाद दिया, लेकिन चीन ने ताइवान के राष्ट्रपति को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा धन्यवाद देने पर कड़ी आपत्ति जताई. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी और ग्लोबल टाइम्स के पूर्व संपादक हू शिजिन ने भारत को धमकी दे डाली कि उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
अब इस मामले में ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की प्रतिक्रिया सामने आई है. ताइवान ने ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संदेशों के “सौहार्दपूर्ण” आदान-प्रदान पर चीन की नाराजगी को खारिज करते हुए बीजिंग की प्रतिक्रिया को “पूरी तरह से अनुचित” बताया है.
ताइवान के विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी चीन द्वारा मोदी और चिंग-ते के बीच संदेशों के आदान-प्रदान पर विरोध जताने के एक दिन बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि वह ताइवान और बीजिंग के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच सभी आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है.
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कही ये बात
#Chinas outrage at a cordial exchange between the leaders of 2 democracies is utterly unjustified. Threats & intimidation never foster friendships. #Taiwan remains dedicated to building partnerships with #India underpinned by mutual benefit & shared values.
— 外交部 Ministry of Foreign Affairs, ROC (Taiwan) (@MOFA_Taiwan) June 7, 2024
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर कहा कि दो लोकतंत्रों के नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण आदान-प्रदान पर चीन की नाराजगी पूरी तरह से अनुचित है. धमकी और धमकी से कभी दोस्ती नहीं बढ़ती. ताइवान आपसी लाभ और साझा मूल्यों के आधार पर भारत के साथ साझेदारी बनाने के लिए समर्पित है.
बुधवार को लाई ने मोदी को लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की जीत पर बधाई दी और कहा कि ताइवान दोनों पक्षों के बीच तेजी से बढ़ते संबंधों को बढ़ाने के लिए उत्सुक है.
उन्होंने एक्स पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी चुनावी जीत पर मेरी हार्दिक बधाई. उन्होंने कहा कि वे तेजी से बढ़ते ताइवान-भारत साझेदारी को बढ़ाने, प्रौद्योगिकी, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए तत्पर हैं.
चीन ने भारत से जताई आपत्ति
Thank you @ChingteLai for your warm message. I look forward to closer ties as we work towards mutually beneficial economic and technological partnership.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 5, 2024
बधाई संदेश के जवाब में मोदी ने भी धन्यवाद दिया था. गुरुवार को बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग से जब मोदी और लाई के बीच संदेशों के आदान-प्रदान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि चीन ताइवान के अधिकारियों और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच सभी प्रकार की आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है. ताइवान चीन का हिस्सा है.
पिछले कुछ वर्षों में भारत और ताइवान के बीच व्यापार और आर्थिक संबंध लगातार बढ़ रहे हैं, हालांकि दोनों पक्षों के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं. फरवरी में भारत और ताइवान ने एक प्रवासन और गतिशीलता समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो स्व-शासित द्वीप में विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय श्रमिकों के रोजगार की सुविधा प्रदान करेगा. यह एक ऐसा कदम है, जिसे दोनों पक्षों के बीच सहयोग में नई गति के रूप में देखा जा रहा है.
साल 1995 में नई दिल्ली ने दोनों पक्षों के बीच बातचीत को बढ़ावा देने और व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए ताइपे में भारत-ताइपे एसोसिएशन (आईटीए) की स्थापना की थी. भारत-ताइपे एसोसिएशन को सभी काउंसलर और पासपोर्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए भी अधिकृत किया गया है.