PM POLAND VISIT: यूक्रेन ही नहीं पोलैंड का भी दौरा करेंगे पीएम मोदी, 45 साल बाद होगा ऐसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के अंतराराष्ट्रीय रिश्तों को मजबूत करने में अहम रोल निभाया है. जहां एक तरफ जानकारी मिली है कि रूस-यूक्रेन जंग के बीच पीएम मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे, वहीं अब भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पीएम मोदी यूक्रेन से पहले यूरोप के एक ऐसे देश का दौरा करेंगे जहां पिछले 45 साल से कोई भारतीय प्रधानमंत्री नहीं पहुंचे. पीएम यूरोप के देश पोलैंड का दो-दिवसीय दौरा करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 22 अगस्त तक पौलेंड की राजधानी वॉरसॉ में ठहरेंगे, जहां वो देश के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क से मुलाकात करेंगे, जिसके बाद वो 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे और राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे.
दौरा क्यों है खास
विदेश मंत्रालय ने बताया, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने पीएम मोदी को पोलैंड आने का निमंत्रण दिया था, जिसको स्वीकार करते हुए पीएम मोदी इस हफ्ते 21 और 22 अगस्त को पोलैंड का दौरा करेंगे. हालांकि, यह यात्रा इसीलिए भी खास है क्योंकि हम भारत और पोलैंड के बीच के संबंधों के 70 सालों का जश्न मना रहे हैं. इससे पहले प्रधान मंत्री मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष के रूप में प्रधान मंत्री टस्क से चार बार मुलाकात की हैं. साथ ही पीएम ने साल 2022 में देश के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से फोन पर बातचीत भी की थी.
पीएम मोदी का होगा भव्य स्वागत
पोलैंड के प्रधानमंत्री टस्क ने साल 2010 में भारत का दौरा किया था, जिस समय देश में कांग्रेस की सरकार थी और मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे . पोलैंड की राजधानी वारसॉ में पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया जाएगा. जहां वो पीएम डोनाल्ड टस्क से बातचीत करने के साथ-साथ राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से भी मुलाकात करेंगे. इसी के साथ पीएम मोदी पोलैंड में रह रहे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात और बातचीत करेंगे और वो ऐतिहासिक स्मारकों का भी दौरा करेंगे.
पोलैंड में कितने भारतीय
भारतीय विदेश मंत्री ने साल 2019 में पोलैंड का दौरा किया था और पोलैंड के तत्कालीन विदेश मंत्री ज़बिग्न्यू राउ ने 2022 में भारत का दौरा किया था. हालांकि, पोलैंड में भारतीय नागरिकों की बड़ी जनसंख्या है, जिनकी लगभग तादाद 25,000 है, इसमें करीब 5,000 छात्र शामिल हैं. जिस समय साल 2022 में यूक्रेन और रूस का युद्ध शुरू हुआ था उसी समय पोलैंड की सरकार और लोगों ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा के दौरान सहायता की पेशकश की थी और 4,000 से ज्यादा भारतीय छात्रों को पोलैंड के रास्ते निकाला गया था.

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