पाकिस्तान में निर्दोशों को मार रही पुलिस? 28 दिनों से बलूचिस्तान में भयंकर बवाल
बलूचिस्तान फिर से उबल रहा है. लोग बलूच नरसंहार और युवाओं के कथित अपहरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हाल ही में चार बलूची युवाओं की पुलिस ने कथित रूप से हत्या कर दी थी. इसके बाद से लोग सड़कों पर आ गए और पुलिम ने कमोबेश 200 लोगों को हिरासत में लिया था. इन्हीं में एक महिला को 26 घंटे के कथित अपमान, उत्पीड़न और यातना के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने रिहा किया, जिसके बाद से विरोध-प्रदर्शन और तेज हुआ है.
बलूचियों के लिए काम करने वाली संस्था यकजहती समिति ने महिला की रिहाई के संबंध में एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था. समिति की तरफ से बलूच नागरिकों को इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने की अपील की गई थी. इसके बाद से बड़ी संख्या में लोग देश के अलग-अलग हिस्से से इस्लामाबाद कूच करने लगे. फिलहाल बरखान, रुकनी, फोर्ट मुनरो, टौंसा, डीजी खान, क्वेटा, केच, ग्वादर, वाध, कोहलू, कलात, हब और विभिन्न इलाकों में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
200 बलूचियों को पुलिस ने हिरासत में लिया
बलूच नरसंहार के खिलाफ 28 दिनों से विरोध-प्रदर्शन जारी है और इस दरमियान कमोबेश 200 लोगों को हिरासत में ले लिया गया. इनमें 162 लोगों को अदियाला जेल में शिफ्ट कर दिया गया है और 50 से ज्यादा लोग इस्लामाबाद की अलग-अलग जेलों में हिरासत में हैं. अवैध हत्या और पुलिस हिरासत में उत्पीड़न के खिलाफ सड़क पर उतरे लोगों पर पुलिस ने लाठियां बरसाई, उन्हें हिरासत में लिया और जेल में डाल दिया.
बलूचिस्तान से पंजाब तक में प्रदर्शन
यह मार्च बालाच मोला बख्श की मौत से शुरू हुआ था, जिन्हें कथित तौर पर 29 अक्टूबर को आतंकवाद विरोधी पुलिस उनके घर से ले गई थी. बलूच मानवाधिकार परिषद ने इस्लामाबाद पुलिस की कार्रवाइयों की निंदा की है, मानवाधिकार का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया है और बलूच लोगों के खिलाफ अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए जवाबदेही की मांग की है. बलूचियों का मार्च कई अन्य जिलों तक फैल गया है. मसलन, बलूचिस्तान से लेकर पंजाब तक विरोध-प्रदर्शन हो रहे है. इस दौरान पुलिस ने समाजिक कार्यकर्ता, बूढ़े-बच्चे-महिलाओं तक को हिरासत में ले रही है.