चाय चुस्की में स्वाद लाने की तैयारी, सरकार ने बनाया ये बड़ा प्लान, जानें योजना
केंद्र सरकार चाय के विकास और प्रोमोशन पर काफी पैसे खर्च करने वाली है. गुरुवार को मिली जानकारी के अनुसार केंद्र अगले दो वित्तीय वर्षों के लिए चाय विकास और संवर्धन योजना पर खर्च 82 प्रतिशत बढ़ाकर 528.97 करोड़ रुपये कर दिया है.
इस योजना का उद्देश्य चाय के उत्पादन और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए उन्नत किस्मों के विकास का समर्थन करना है.
वाणिज्य विभाग ( Department of Commerce) के अतिरिक्त सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने कहा कि, ‘इस योजना के तहत अगले दो वित्तीय वर्षों (2024-26) में 800 स्वयं सहायता समूहों और 330 किसान-उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है. उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए परिव्यय 2.7 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 105.5 करोड़ रुपये कर दिया गया है.’
उन्होंने अपने संवाददाता संबोधन में कहा, ‘अगले दो वित्तीय वर्षों (2024-25 और 2025-26) के लिए योजना का परिव्यय 290.81 करोड़ रुपये से 82 प्रतिशत बढ़ाकर 528.97 करोड़ रुपये कर दिया गया है.’ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में भारतीय चाय को बढ़ावा देने के लिए खर्च में काफी वृद्धि की दर्ज हुई है. चाय के प्रोमोशन के लिए धनराशि बढ़ाकर 72.42 करोड़ रुपये कर दी गई है.
भाटिया ने कहा कि, ‘इसकी उपयोगिता को बढ़ाने के लिए पैकेजिंग इकाइयां स्थापित करने के लिए सरकार ने 40 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इसका उद्देश्य निर्यात के साथ गुणवत्ता वाली चाय की खपत को बढ़ाना है.’ चाय बागान टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है जिससे चाय की खेती में, ड्रोन निगरानी, ट्रेसबिलिटी और ब्लॉकचेन जैसी गतिविधियों शामिल हो गईं हैं. इसके साथ ही चाय बोर्ड की गतिविधियों का डिजिटलीकरण किया गया.
भारत दुनिया में चाय का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान निर्यात 4 प्रतिशत से अधिक घटकर 673 मिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया.