Property Documents: प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होते ही पाना चाहते है मालिकाना हक तो इस डॉक्यूमेंट्स का होना है बेहद जरूरी

जब भी आप कोई घर या प्रॉपर्टी खरीदते हैं तब आप उसका रजिस्ट्रेशन जरूर करवाते हैं। क्या आप जानते हैं कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के बाद भी आपको पूरी तरह से मालिकाना हक नहीं मिलता है।

आपने कई बार ऐसे मामलों के बारे में सुना होगा जिसमें कि एक जमीन को कई लोगों को बेच दिया जाता है। कुछ मामले को ऐसे भी होते हैं जिसमें एक जमीन पर पहले से काफी लोन ले लिया जाता है।

जब प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन जिस नाम के व्यक्ति पर होता है उसे ही इस कर्ज का भुगतान करना पड़ता है। इससे साफ समझ आता है कि आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के बाद भी आपको एक जरूरी दस्तावेज भी लेना होता है।

Property Mutation क्या है

हर राज्य के पास जमीन या प्रॉपर्टी के समझौते से संबंधित रिकॉर्ड होता है। इस रिकॉर्ड में जमीन के मालिकाना हक के बारे में ब्यौरा दिया जाता है। इसी के साथ इस डॉक्यूमेंट के जरिये आम आदमी की प्रॉपर्टी निवेश को सुरक्षित रखने में मदद करता है। जमीन के रिकॉर्ड की वजह से प्रॉपर्टी से जुड़े फ्रॉड के मामले कम हो जाते हैं।

जब भी आप को खरीदते हैं तब आपको उसकी सारी जानकारी रेवेन्यू रिकॉर्ड में रजिस्टर करना होता है। प्रॉपर्टी म्यूटेशन के जरिये प्रॉपर्टी टैक्स लायबिलिटी की परेशानी भी एक हद तक खत्म हो जाती है। हर राज्य में इसका नाम अलग-अलग होता है।उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार में उसे दाखिल-खारिज कहा जाता है।

एक बार चेक करें प्रॉपर्टी म्यूटेशन

अधिकतर लोग सेल डीड और रजिस्ट्रेशन को एक ही समझ बैठते हैं। जबकि ये दोनों अलग अलग डॉक्यूमेंट है। आपको बता दें कि आपने भी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन करवा लिया है तब भी आपकी जमीन पर पूरी तरह से मालिकाना हक नहीं मिलता है।

आपको को भी जमीन खरीदने से पहले आपको प्रॉपर्टी किसके नाम थी उसके बारे में चेक करना चाहिए कि कहीं उनके नाम पर कोई लोन तो नहीं है। अगर आप इसे चेक नहीं करते हैं और जमीन पर कोई लोन होता है तब आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के बाद उस लोन का भुगतान करना होगा।

कैसे करें प्रॉपर्टी ट्रांसफर

देश में तीन प्रकार की अचल संपत्ति होती है। इसमें ती की जमीन, औद्योगिक जमीन और रहने योग्य जमीन होती है। आप इन तरह के जमीन को ट्रांसफर कर सकते हैं।

अगर आप खेती की जमीन को ट्रांसफर करना होता है तो आपको उस इलाके के पटवारी के पास जाना होगा। वहीं, औद्योगिक विकास केंद्र के जरिये औद्योगिक जमीन का नामांतरण किया जाता है।

वहीं आप जब घर में रहने के लिए जमीन लेते हैं तब आपको अपने इलाके के नगर पालिका, नगर निगम, या ग्राम पंचायत के पास जाना होगा। इनके द्वारा ही जमीन को ट्रांसफर किया जाता है।

आप जब भी कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तब आपको उससे जुड़े सभी दस्तावेज का नामांतरण करवा लेना चाहिए। इस के बाद आपको जमीन पर पूरी तरह से मालिकाना हक मिल जाएगा।

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