Public Health: नई स्टडी में हुआ खुलासा! उत्तर भारतीयों के खाने में पोषण की भारी कमी
चंडीगढ़ में जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया और पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) के रिसर्चर द्वारा की गई एक हालिया स्टडी से पता चलता है कि उत्तर भारत में लोग बहुत ज्यादा नमक और फास्फोरस का सेवन करते हैं, लेकिन वे प्रोटीन और पोटेशियम को अपने खान-पान में कम शामिल करते हैं।
स्टडी में 400 एडल्ट हुए शामिल
स्टडी के नतीजे फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित हुए थे। इसमें 400 एडल्ट को देखा गया, जिनमें स्वस्थ व्यक्ति और शुरुआती स्टेज के क्रोनिक किडनी रोग (CKD) वाले लोग शामिल थे।
द जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ, भारत के प्रोफेसर विवेकानंद झा ने यह समझने की आवश्यकता पर जोर दिया कि भारत में लोग गैर-संचारी रोगों (NCD) की रोकथाम और मैनेजमेंट के लिए किन पोषक तत्वों का सेवन करते हैं। BMC जर्नल में 2020 के एक अध्ययन से पता चला कि भारतीय आहार में पर्याप्त प्रोटीन, फल और सब्जियों की कमी है।
सबसे अमीर 5% को छोड़कर अधिकांश भारतीय कम कैलोरी खाते हैं
स्टडी में तुलना की गई है कि भारत में लोग रेकमंडेड कैलोरी की तुलना में कितनी कैलोरी खाते हैं। सबसे अमीर 5% को छोड़कर अधिकांश भारतीय कम कैलोरी खाते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त पोषक तत्वों वाला संतुलित आहार जरूरी है। विभिन्न पोषक तत्वों के अलग-अलग कार्य होते हैं: कार्ब्स ऊर्जा देते हैं, प्रोटीन मांसपेशियों का निर्माण और मरम्मत करते हैं, और वसा पोषक तत्वों को अवशोषित करने और हार्मोन बनाने में मदद करते हैं।
विटामिन और खनिज कोशिकाओं को स्वस्थ रखते हैं और इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। फाइबर पाचन में मदद करता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। विभिन्न प्रकार के पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाने से शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं। संतुलित आहार शरीर के विकास में सहायता करता है, इम्युनिटी को मजबूत करता है, सोच में सुधार करता है और मोटापा, मधुमेह और हृदय की समस्याओं जैसी बीमारियों के जोखिम को कम करता है। स्वस्थ भोजन का चयन करने से शरीर जीवन भर मजबूत और स्वस्थ रहता है।