प्रज्वल रेवन्ना मामले में राहुल गांधी का CM सिद्धारमैया को पत्र
उन्होंने कहा कि वे हमारी करुणा और एकजुटता की पात्र हैं क्योंकि वे न्याय के लिए अपनी लड़ाई लड़ रही हैं। यह सुनिश्चित करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है कि इन जघन्य अपराधों के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को सजा दी जाए।
संबंधित घटनाओं को भयावह यौन हिंसा करार देते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि प्रज्वल रेवन्ना ने बीते कई वर्षों में सैकड़ों महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया और उनका वीडियो बनाया। उनमें से कई महिलाएं, जो उन्हें भाई और बेटे के रूप में देखती थीं, उनके साथ भी हिंसक तरीके से क्रूरता की गई और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई। हमारी माताओं और बहनों से दुष्कर्म के लिए सबसे सख्त सजा दिए जाने की आवश्यकता है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे यह जानकर गहरा सदमा लगा कि दिसंबर 2023 में जी देवराजे गौड़ा ने प्रज्वल रेवन्ना की हरकतों, विशेष रूप से उनके यौन हिंसा के इतिहास और वीडियो के बारे में हमारे गृह मंत्री अमित शाह को बताया था। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को इन वीभत्स आरोपों की जानकारी थी लेकिन इसके बावजूद मोदी ने एक बलात्कारी के लिए प्रचार किया।
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर रेवन्ना को भारत से भागने दिया ताकि जांच को नुकसान पहुंचाया जा सके। इन अपराधों की प्रकृति को देखते हुए और प्रधानमंत्री व गृह मंत्री का सिर पर हाथ होने से जद-एस नेता को मिले फायदे की कड़ी निंदा होनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि अपने दो दशकों के जनसेवा इतिहास में मैंने कभी ऐसा वरिष्ठ जनप्रतिनिधि नहीं देखा, जिसने महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर निरंतर चुप्पी साधे रखी हो। हरियाणा की हमारी पहलवानों से लेकर मणिपुर की हमारी बहनों तक सभी भारतीय महिलाओं को ऐसे अपराधियों को प्रधानमंत्री के मौन समर्थन का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि कर्नाटक सरकार ने इन गंभीर आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है और प्रधानमंत्री से प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने व उन्हें जल्द से जल्द भारत लाए जाने का अनुरोध भी किया है।