रायसीना डायलॉग : विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने भारत-चीन के बीच माइंड गेम के प्रति किया आगाह

नई दिल्ली में तीन दिवसीय रायसीना डायलाॅग के आखिरी दिन आज शुक्रवार को भारत-चीन के सीमा विवाद में बीजिंग के ‘माइंड गेम’ के प्रति सचेत किया और कहा कि नई दिल्ली को संतुलन की स्थिति पर बेहतर शर्तें पाने के लिए अपने अधिकारों को नहीं छोड़ना चाहिए। हालांकि विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि मौजूदा मुद्दा बीजिंग द्वारा निर्धारित नियमों को नहीं मानना चाहिए जिसकी वजह से पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद शुरू हुआ।

नई दिल्ली में तीन दिवसीय रायसीना डायलाॅग के आखिरी दिन आज शुक्रवार को भारत-चीन के सीमा विवाद में बीजिंग के ‘माइंड गेम’ के प्रति सचेत किया और कहा कि नई दिल्ली को संतुलन की स्थिति पर बेहतर शर्तें पाने के लिए अपने अधिकारों को नहीं छोड़ना चाहिए। हालांकि विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि मौजूदा मुद्दा बीजिंग द्वारा निर्धारित नियमों को नहीं मानना चाहिए जिसकी वजह से पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद शुरू हुआ।

इस दौरान विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि मई 2020 में दोनों देशों के बीच गतिरोध के बाद से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए 19 फरवरी को भारत और चीन ने चुशुलमोल्दो सीमा पर 21वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बैठक की।

गोल्डमैन सैश रिपोर्ट का हवाला देते हुए बोले भारत की अर्थव्यवस्था होगी मजबूत  

विदेश मंत्री ने गोल्डमैन सैश के अनुमानों का हवाला देते हुए बताया कि जिसके मुताबिक, 2075 तक दोनों देशों की 50 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की अर्थव्यवस्था होगी। एस.जयशंकर ने कहा कि भारत को सर्वोत्तम संभावित नतीजे प्राप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली का इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त आश्वस्त होना चाहिए। दरअसल, उनसे पूछा गया था कि क्या चीन और भारत के बीच समाधान का कोई बिंदु है और क्या दोनों देश अपने संबंधों में आखिरकार संतुलन की स्थिति लाएंगे? उन्होंने कहा 1980 के दशक के अंत से, सीमा मुद्दे पर हमारे बीच एक तालमेल था,क्योंकि यह हम दोनों के लिए उपयुक्त था। अब लगभग 30 साल हो गया है। सीमा पर उनके बर्ताव के संदर्भ में काफी बदलाव आया है।

आने वाले समय में दोनों देशों के बीच चुनौतीपूर्ण होंगे संबध 

विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि संतुलन पर पहुंचना, फिर उसे बरकरार रखना और उसे नए सिरे तक पहुंचाना दोनों देशों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होने जा रही है। उन्होंने कहा कि माइंड गेम खेला जाएगा और यह महज ‘हम दोनों के बीच’ ही होगा। साथ ही उन्होंने यह साफ कर दिया कि बाकी के 190 देश हमारे संबंधों के बीच में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह माइंड गेम होगा, जो खेला जाएगा। मुझे नहीं लगता कि हमें इसे खेलना चाहिए।

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