राजस्थान: CM भजन लाल का चौंकाने वाला फैसला, गहलोत सरकार की इस योजना को किया बंद
राजस्थान की भजन लाल सरकार ने इस वक्त एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्रदेश में चल रही ‘राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम’ को बंद कर दिया है। बता दें कि इससे पहले की अशोक गहलोत की सरकार ने इस योजना को शुरू किया था, जिसे अब राजस्थान की भजनलाल सरकार ने बंद करना का फैसला लिया है। सरकार की ओर जारी निर्देशों के अनुसार 31 दिसंबर 2023 के बाद से यह योजना पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी।
अशोक गहलोत ने दी प्रतिक्रिया
वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते राजस्थान सरकार के इस फैसला का विरोध जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे करीब 5,000 युवाओं की सेवाएं समाप्त करना उचित नहीं है। ये युवा सरकार की योजनाओं के बारे में जागरुक हैं एवं सरकार की काफी मदद कर रहे हैं।
नाम से थी दिक्कत तो करते ये काम
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे लिखा है कि नई सरकार को इस योजना के नाम से परेशानी थी तो राजीव गांधी सेवा केन्द्रों की भांति नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर सकती थी। जबकि प्रदेशवासी जानते हैं कि पिछले कार्यकाल में BJP सरकार द्वारा अस्थायी तौर पर लगाए गए पंचायत सहायकों को हमारी सरकार ने स्थायी कर उनका वेतन बढ़ाया था। ऐसी ही सकारात्मक सोच से नई सरकार को भी राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए।
राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे करीब 5,000 युवाओं की सेवाएं समाप्त करना उचित नहीं है। ये युवा सरकार की योजनाओं के बारे में जागरुक हैं एवं सरकार की काफी मदद कर रहे हैं। नई सरकार को इस योजना के नाम से परेशानी…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 25, 2023
योजना के बारे में
दरअसल, राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के दौरान राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम को शुरू किया गया था। यह योजना साल 2021 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत सरकार योग्य युवाओं का चयन करके उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में छह महीने तक इंटर्नशिप करने का अवसर प्रदान करती थी। वहीं इंटर्नशिप का टाइम पूरा होने के बाद युवाओं को प्रमाण पत्र भी दिया जाता था। वहीं यदि किसी उम्मीदवार का प्रदर्शन अच्छा है तो उसके इंटर्नशिप का समय बढ़ाया भी जा सकता था। इस योजना के तहत अधिकतम दो साल तक इंटर्नशिप करने का मौका मिलता था।