राजनाथ सिंह ने PM सुनक से की मुलाकात, रक्षा-व्यापार समेत कई मुद्दों पर चर्चा
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ब्रिटेन दौरे पर हैं. इस दौरान रक्षा मंत्री ने बुधवार को 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक बातचीत के एजेंडे में रक्षा, व्यापार और क्षेत्रीय मुद्दे शामिल थे. इसके अलावा मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर जारी वार्ता की प्रगति पर भी चर्चा की गई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजनाथ सिंह ने पीएम सुनक के अलावा, विदेश मंत्री डेविड कैमरन से भी मुलाकात की. राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन के साथ भारत-ब्रिटेन संबंधों को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच सहयोग को प्रगाढ़ बनाने के बारे में व्यावहारिक विचार-विमर्श किया गया.
UK | Defence Minister Rajnath Singh called on UK Prime Minister Rishi Sunak, during his London visit pic.twitter.com/RRrQ0FvV3q
— ANI (@ANI) January 10, 2024
ग्रांट शाप्स के साथ राजनाथ सिंह ने की बैठक
दो उच्च स्तरीय बैठकों के बाद राजनाथ सिंह ने अपने समकक्ष ग्रांट शाप्स के साथ ब्रिटेन-भारत रक्षा उद्योग के सीईओ के गोलमेज सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि भारत ब्रिटेन के साथ सह-निर्माण पर केंद्रित एक समृद्ध रक्षा साझेदारी की कल्पना करता है. गोलमेज बैठक में ब्रिटेन के रक्षा उद्योग के कई मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के अधिकारी, ब्रिटेन-भारत व्यापार परिषद (यूकेआईबीसी) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.रनेट उपयोगकर्ता नहीं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डिजिटल लेनदेन में भारत के अलावा किसी अन्य देश में 80 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता नहीं हैं. पूरी दुनिया ने हमारे यूपीआई ऐप को मंजूरी दे दी है. यूपीआई के माध्यम से लगभग 130 लाख करोड़ लेनदेन हुए हैं.
चीन के नजरिए में भारी बदलाव
रक्षा मंत्री ने बताया कि ग्लोबल टाइम्स के एक लेखक, एक तरह से चीन के मुखपत्र ने एक लेख लिखा, इसमें कहा गया है कि भारत को लेकर चीन के नजरिए में भारी बदलाव आया है. चीन सरकार भी मानती है कि भारत में हुए आर्थिक और रणनीतिक बदलावों के चलते भारत की अर्थव्यवस्था एक रणनीतिक ताकत बन गई है. हम किसी को अपना नहीं मानते दुश्मन लेकिन दुनिया जानती है कि भारत और चीन के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं. हम सबके साथ अपने रिश्ते सुधारना चाहते हैं.