राम गाथा : ‘रंग के साथी’ राम काज करिबे को आतुर , रामायण पर केंद्रित पेंटिंगें बनाईं
अयोध्या में 22 जनवरी को जब भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी तब इस शहर से 526 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश के सागर शहर में कलाकार असरार अपने ब्रश से भगवान राम के केवट से मिलने के प्रसंग को जीवंत बनाने में तन्मयता से जुटे थे.
अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी और असरार अपने फन से भगवान राम के प्रति उनके भक्त के अगाध प्रेम को प्राणवान कर देना चाहते थे. हालांकि राम के प्रति उनका और उनके साथी कलाकारों के समूह ‘रंग के साथी’ ग्रुप का ‘राग’ नया नहीं है. वे पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर पेंटिंगें बना रहे हैं.
‘रंग के साथी’ ग्रुप ने अब तक ‘राम गाथा’ सीरीज के तहत 32 पेंटिंग बनाई हैं. इन कलाकारों का रामायण पर केंद्रित पेंटिंगें बनाने का सिलसिला अभी थमा नहीं है. असरार कहते हैं कि, ”अभी तक रामायण के प्रमुख प्रसंगों के चित्र तैयार किए हैं, अभी बहुत कुछ और बनाना है. रामायण में सैकड़ों प्रसंग हैं, हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी प्रसंगों में अपनी श्रद्धा के रंग भरकर उन्हें आकार दे सकें.”
भगवान राम के जन्म से लेकर अयोध्या वापसी तक की चित्र-कथा
राम गाथा सीरीज के तहत बनाई गई पेंटिंगों में भगवान राम के जन्म से लेकर उनके वन गमन और फिर अयोध्या वापसी तक की चित्र-कथा है. असरार अहमद ने NDTV को बताया कि, ”फिलहाल 18 और पेंटिंगें तैयार की जा रही हैं. इनके तैयार होने के बाद हमारी राम गाथा की कुल 50 पेंटिंगें तैयार हो जाएंगी. इसके बाद राम गाथा को आगे बढ़ाने के लिए काम शुरू करें