Ram Mandir: सप्ताह भर बाद भी बरकरार है राम मंदिर परिसर की खुशबू, विशेष देसी-विदेशी फूलों का है ये असर

मंदिर को सजाने में सबसे प्रमुख भूमिका निभाने वाले टेंपल कनेक्ट के चेयरमैन गिरीश कुलकर्णी ने अमर उजाला को बताया कि 370 से अधिक फूलों के कारीगरों और 12 विशेष डिजाइनरों की सात टीमों ने लगभग एक महीने तक मेहनत कर मंदिर को सजाने में काम किया था। मंदिर को सजाने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कोलकाता, केरल और राजस्थान से कारीगरों की टीमें आई थीं, जिन्होंने फूलों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए सजावट की

स्थानीय मालिन शकुंतला का योगदान

राम मंदिर जाने वाले मुख्य रास्ते पर सबसे प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर के चौराहे पर शकुंतला देवी पिछले 18 सालों से माला-फूल बेचने का काम करती हैं। उनके साथ उनके बेटे ने मंदिर के संपूर्ण परिसर को सुगंधित पुष्पों से सजाया था। इन फूलों को यह बात ध्यान में रखते हुए चुना गया था कि लंबे समय तक इनकी खुशबू हवा में तैरती रहे।

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए पवित्र माने जाने वाले पौधों और फूलों को भी मंदिर की सजावट में इस्तेमाल में लाया गया था। इसमें सबसे प्रमुख नाम तुलसी, मनोकामिनी और अशोक के वृक्ष हैं। इसी प्रकार कई अन्य जड़ी-बूटियों के पौधों को भी मंदिर को सजाने में उपयोग किया गया। पूरी सजावट प्रक्रिया के दौरान मंदिर की पवित्रता का ध्यान रखा गया।

कितने प्रकार के पुष्प

जानकारी के अनुसार, राम मंदिर को सजाने के लिए आठ रंग के गुलाब, छह रंग के गुलबहार, छह प्रकार के ऑर्किड, चार रंग के लिली और 20 विशेष प्रकार के सुगंध रखने वाले पुष्पों का उपयोग किया गया था। 21 हजार लड़ियों के साथ-साथ 90 हजार बंडल में फूलों को लाकर मंदिर को सजाया गया था।

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