अयोध्या के राम मंदिर से कितना अलग है अबू धाबी का पहला भव्य हिन्दू मंदिर? PHOTO देख खुद करें फैसला
बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने अबू धाबी में भव्य मंदिर को वास्तविकता बनाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद जायद अल नाहयान को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने खाड़ी देश में रहने वाले भारतीयों के साथ-साथ 140 करोड़ भारतीयों का भी दिल जीत लिया.
मोदी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि बीएपीएस मंदिर पूरी दुनिया के लिए सांप्रदायिक सद्भाव और वैश्विक एकता का प्रतीक बन जाएगा.’’ इस दौरान यूएई के सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान और विभिन्न धर्मों के आध्यात्मिक गुरु उपस्थित थे.पिछले महीने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अबू धाबी में बीएपीएस मंदिर के उद्घाटन का साक्षी बनना उनका सौभाग्य है. उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या में हमारी असीम खुशी आज अबू धाबी में मिली खुशी की लहर से और बढ़ गई है. यह मेरा सौभाग्य है कि मैं पहले अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर और फिर अबू धाबी में इस मंदिर का साक्षी बना हूं.’’
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘अभी पिछले महीने, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सदियों पुराना सपना पूरा हुआ. रामलला अपने भवन में विराजमान हैं. पूरा भारत और हर भारतीय अब भी उस प्रेम की भावना में डूबा हुआ है.’’ मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल राहबा के पास 27 एकड़ क्षेत्र में करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल भारत के अमृतकाल का समय नहीं है, यह हमारी आस्था और संस्कृति के अमृत काल का भी समय है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम विविधता में द्वेष नहीं देखते, हम विविधता को अपनी विशेषता मानते हैं. इस मंदिर में हमें हर कदम पर विविध आस्थाओं की झलक मिलेगी.’’उन्होंने कहा कि यूएई ने अब अपनी पहचान में एक और सांस्कृतिक अध्याय जोड़ा है जिसे अब तक बुर्ज खलीफा, फ्यूचर म्यूजियम, शेख जायद मस्जिद और अन्य हाई-टेक इमारतों के लिए जाना जाता था. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आएंगे. इससे यूएई आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ेगी और दोनों देशों के बीच लोगों का आपसी संपर्क भी बढ़ेगा.’’
भव्य मंदिर को साकार करने में यूएई के राष्ट्रपति के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस भव्य मंदिर को वास्तविकता बनाने में किसी की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका है, तो वह कोई और नहीं बल्कि मेरे भाई शेख मोहम्मद बिन जायद हैं.’’
पीएम मोदी ने कहा कि यूएई सरकार ने करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरे दिल से काम किया है. उन्होंने कहा कि यूएई सरकार ने न केवल यूएई में रहने वाले भारतीयों का बल्कि सभी 140 करोड़ भारतीयों का दिल जीता है. इससे पहले, हल्के गुलाबी रंग का रेशमी कुर्ता पजामा, बिना बांह वाली जैकेट और पटका पहने हुए प्रधानमंत्री ने मंदिर के लोकार्पण समारोह में पूजा विधि में भाग लिया ।
मोदी ने याद किया कि पूजा स्थल के सूक्ष्म विवरणों को जानने में उनकी गहरी रुचि की वजह से स्वामी ब्रह्मविहारी ने कहा था कि वह मंदिर के अच्छे पुजारी हो सकते हैं. सभा में भारत ‘माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों के बीच मोदी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि मैं किसी मंदिर का पुजारी बनने के लायक हूं या नहीं, लेकिन मुझे मां भारती का पुजारी होने पर गर्व है.’’