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जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का हुआ पहला सूर्य तिलक

योध्या, 17 अप्रैल (हि.स.)। देशभर में चैत्र रामनवमी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजे रामलला का सूर्य की किरणों से सूर्य तिलक किया गया।

जन्मभूमि मंदिर में विगत 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का यह पहला सूर्य तिलक है।

बुधवार दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में रामलला का सूर्य तिलक किया गया और मस्तक पर 3 मिनट तक सूर्य की किरणें पड़ीं। इस दृश्य को देखकर वहां उपस्थित श्रद्धालु अभिभूत हुए। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु के 20 पाइप से 65 फुट लंबा सिस्टम तैयार किया गया है। इसमें चार लेंस और चार मिरर लगे हैं। इसके माध्यम से सूर्य की किरणें परावर्तित होकर रामलला के मस्तक पर पहुंचीं। सूर्य तिलक के बाद कुछ देर के लिए रामलला के पट बंद कर दिए गए।

सामान्य दिनों में मंदिर के कपाट सुबह 6.30 बजे खुलते हैं, लेकिन रामनवमी के अवसर पर भोर में 3.30 बजे ही मंदिर के कपाट खोल दिए गए। श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक रामलला के दर्शन कर सकेंगे। शयन आरती के बाद मंदिर निकास मार्ग पर प्रसाद मिलेगा। रामलला के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में भक्त अयोध्या पहुंचे हुए हैं।

इस दौरान राममंदिर में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र समेत प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पोस्ट में कहा कि सूर्यकुल भूषण श्रीरामलला के ललाट पर सुशोभित भव्य ‘सूर्य तिलक’ आज अखिल राष्ट्र को अपने सनातन गौरव से आलोकित कर रहा है। जय जय श्री राम!

हिन्दुस्थान समाचार/ पवन पाण्डेय/ बृजनंदन

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