Rapid Rail: दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का काम हुआ पूरा, जानिए कितना होगा किराया
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में अंडरग्राउंड सेक्शन में सुरंग निर्माण का काम मंगलवार को पूरा हो गया। इसके साथ ही रैपिडएक्स संचालन के लिए एनसीआरटीसी ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है।
मंगलवार को भैंसाली से बेगमपुल के बीच निर्मित इस छठी और अंतिम सुरंग का निर्माण कर रही टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) सुदर्शन 8.2, 14 मीटर की गहराई पर बेगमपुल पर बाहर निकली।
इसके साथ ही मेरठ में सुरंग का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। अब मेरठ में 5.5 किलामीटर में स्टेशन निर्माण का काम युद्धस्तर पर चलेगा।
दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ के अंडरग्राउंड सेक्शन में तीन स्टेशन मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल हैं। इन तीनों स्टेशनों को आपस में जोड़ने के लिए तीन भाग में कुल छह सुरंग का निर्माण किया गया है।
भैंसाली और बेगमपुल को जोड़ने वाली यह छठी और आखिरी सुरंग लगभग एक किलोमीटर लंबी है। मेरठ शहर में कुल करीब 5.5 किलोमीटर अंडरग्राउंड सुरंग और स्टेशनों के बीच रैपिडेक्स का संचालन होगा।
एनसीआरटीसी अधिकारियों का दावा है कि मेरठ में रैपिडेक्स के संचालन के लिए टीम की अथक मेहनत, साहस के साथ करीब 5.5 किमी. लंबे कॉरिडोर में आने-जाने के लिए तीन समानांतर सुरंग को महज़ 15 महीने के समय में पूरा कर लिया गया है।
मेरठ की पहली सुरंग का निर्माण अक्टूबर 2022 में पूरा कर लिया गया था। मंगलवार को छठी सुरंग के पूर्ण होने के साथ मेरठ में अंडरग्राउंड सुरंग निर्माण का कार्य संपन्न हो गया। अब निर्मित हो चुकीं सुरंगों में ट्रैक बिछाने और ओएचई इंस्टॉलेशन, स्टेशन निर्माण आदि का कार्य चलेगा।
35 हजार टुकड़ों से तैयार हुईं छह सुरंग
मेरठ में इन सभी छह सुरंगों के निर्माण में लगभग 35000 प्री-कास्ट सेग्मेंट्स का प्रयोग किया गया है। सुरंग निर्माण प्रक्रिया में, सात सेग्मेंट्स को जोड़कर एक सुरंग रिंग का निर्माण किया जाता है।
इन सेग्मेंट्स और रिंग्स को बोल्ट्स की सहायता से जोड़ा जाता है। रैपिडएक्स सुरंग का व्यास 6.5 मीटर है, जो 180 किमी प्रति घंटे की समान डिजाइन गति के साथ चौड़े एवं ऊंचे रोलिंग स्टॉक के लिए विश्व में निर्मित अन्य टनल के वैश्विक बेंचमार्क की तुलना में काफी अनुकूल है।