Ratan Tata ही नहीं इन लोगों ने भी बनाया ‘टाटा’ को देश का सबसे बड़ा ब्रांड, ये है पूरी कहानी
Tata Group, ये नाम जब भी सामने आता है, तब भारतीयों के अंदर एक सम्मान का भाव आ ही जाता है. आज की पीढ़ी के लिए टाटा ग्रुप का चेहरा Ratan Tata हैं. लेकिन जब आप टाटा ग्रुप के बारे में जितना जानते जाते हैं, उतना ही आपको कम लगने लगता है. ‘टाटा ग्रुप’ की ब्रांड वैल्यू हमेशा ऐसी रही है कि उसके नाम का मतलब ही ‘भरोसा’ हो चुका है. रतन टाटा ही नहीं बल्कि कई पीढ़ियों की मेहनत से बनी इस ब्रांड वैल्यू ने देश को हर बार फ्यूचर की राह दिखाने का काम किया है.
आज टाटा ग्रुप की कमान एन. चंद्रशेखरन के पास है. टाटा ग्रुप के करीब 150 साल के इतिहास में ऐसे मौके बहुत कम आए हैं जब टाटा परिवार के अलावा किसी और व्यक्ति ने टाटा ग्रुप का नेतृत्व संभाला है. इसमें एक और चर्चित नाम है साइरस मिस्त्री का, जो टाटा ग्रुप के सबसे बड़े हिस्सेदार शापूरजी पालोनजी ग्रुप के परिवार से थे. हालांकि टाटा ग्रुप में लंबे समय तक उनके कामकाज को पसंद नहीं किया गया था और उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था. अब थोड़ा पीछे चलते हैं और जानते हैं टाटा परिवार की लीगेसी के बारे में…
गुजरात के व्यापारी ‘जमशेदजी टाटा’ दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी
टाटा ग्रुप की शुरुआत जमशेदजी टाटा ने की थी. वह गुजरात के नवसारी से थे,हालांकि उनकी किस्मत मुंबई आकर बदली. जमशेदजी टाटा ने 1868 में एक ट्रेडिंग कंपनी के तौर पर टाटा ग्रुप की नींव डाली. महज 29 साल की उम्र में 21,000 रुपए के निवेश से कंपनी की शुरुआत हुई. हालांकि उस दौर में ये रकम काफी बड़ी थी. इसके बाद टाटा ग्रुप ने शिपिंग का भी काम किया और 1869 तक आते-आते वह टेक्सटाइल के बिजनेस में उतर गए.
उन्होंने मुंबई (तब बॉम्बे) की एक बंद पड़ी तेल मिल को खरीदा और इसे एक कपड़ा मिल में बदल कर दिया. जमशेदजी टाटा ने भारत को कई नायाब चीजों से नवाजा, जिसमें सबसे अहम मुंबई का ‘ताज होटल’ है. देश में टाटा स्टील जैसा प्लांट लगे, ये उनकी ही सोच थी, जिसे बाद में उनके बेटे दोराबजी टाटा ने पूरा किया.
जमशेदजी टाटा के बनाए ‘ताज’ होटल को आज दुनिया के सबसे शानदार होटल ब्रांड की पहचान मिली है. वहीं जमशेदजी टाटा को पूरी शताब्दी का सबसे परोपकारी व्यक्ति चुना गया है.
दोराबजी ने बनाया बड़ा औद्योगिक घराना
टाटा ग्रुप को एक बड़ा औद्योगिक घराना बनाने का काम दोराबजी टाटा ने किया. साल 1907 में जमशेदपुर में टाटा स्टील की स्थापना हुई. इस शहर को ये नाम टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा से मिला. टाटा स्टील ने उस समय अपने एम्प्लॉइज के लिए कई ऐसे काम किए, जो आज की तारीख में किसी नागरिक की सोशल सिक्योरिटी के लिए जरूरी हैं. गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के बेस्ट एम्प्लॉयर बनने से करीब 100 साल पहले ही टाटा ग्रुप ये कमाल कर चुका था.
एम्प्लॉइज के लिए टाउनशिप बनाना, हेल्थ से जुड़ी सुविधाओं का ध्यान रखना, प्रोविडेंड फंड जैसी स्कीम बनाना और महिला कर्मचारियों की सुविधा के लिए क्रेच की स्थापना करना. ये सब टाटा ग्रुप देश में आजादी से पहले कर चुका था.
जेआरडी टाटा ने बदला टाटा और देश दोनों को
टाटा ग्रुप की दिशा के साथ-साथ देश की दशा बदलने में जिस एक व्यक्ति का सबसे बड़ा योगदान है, वह जेआरडी टाटा. टाटा ग्रुप में उनका कार्यकाल कई बड़े बदलावों का गवाह रहा. साथ ही उन्होंने नए आजाद हुए भारत के लिए भी काफी कुछ बदला, शायद यही वजह है कि वह ‘भारत रत्न’ के हकदार बने.
जेआरडी टाटा भारत के पहले कमर्शियल पायलट बने. उन्होंने ही 1932 में टाटा एयरलाइंस की शुरुआत की जो बाद में एअर इंडिया बन गई. हाल में जब सरकार ने एअर इंडिया को प्राइवेट किया और इसकी टाटा के पास घर वापसी हुई, तो आम जनता ने भी इसका स्वागत किया. जेआरडी टाटा के दौर में ही टाटा ग्रुप का बहुत ज्यादा डायवर्सिफाई होता गया.
टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा सॉल्ट, टाइटन और लेक्मे जैसी कई कंपनियों की या तो शुरुआत उनके कार्यकाल में हुई या उनका कैनवास बड़ा हुआ. उनको उस दौर में रतन टाटा का भरपूर साथ मिला जिन्होंने उनकी लीगेसी को आगे भी बढ़ाया.
TCS दुनिया की सबसे बड़ी आईटी एम्प्लॉयर
टाटा ग्रुप की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) दुनिया की दूसरी सबसे वैल्यूएबल आईटी कंपनी है. जबकि रोजगार देने के मामले में ये दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है. इसके एम्प्लॉइज की संख्या 6 लाख से भी ज्यादा है. ये भारत की भी दूसरी सबसे बड़ी मार्केट वैल्यूएशन वाली कंपनी है.