Raymond के बिजनेस बंटवारे पर लगी मुहर, क्या चढ़ेगा कंपनी का शेयर?

अक्सर पारिवारिक विवादों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले रेमंड परिवार के बिजनेस में बड़ा बंटवारा होने जा रहा है. कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने गुरुवार को इस फैसले पर मुहर लगा दी. इससे कंपनी की शेयर होल्डिंग में बड़ा फेरबदल होगा, वहीं इंवेस्टर्स को भी इसका फायदा पहुंचने वाला है.
रेमंड अपने रीयल एस्टेट बिजनेस का डीमर्जर करने जा रही है. ये नई कंपनी रेमंड रियल्टी होगी. इससे कंपनी को तेजी से ग्रोथ कर रहे रीयल एस्टेट मार्केट में पोटेंशियल को भुनाने और कंपनी के लिए वैल्यू अनलॉक करने में मदद मिलेगी.
रेमंड और रेमंड रियल्टी के शेयरों का बंटवारा
कंपनी की ओर से जानकारी दी गई है कि डीमर्जर के बाद नई कंपनी रेमंड रीयल्टी नए निवेशकों के साथ काम करेगी. ग्रुप के रीयल एस्टेट बिजनेस को कंसोलिडेट करके एक ही कंपनी के तहत लाने का काम भी किया जाएगा. डीमर्जर की प्रस्तावित स्कीम के मुताबिक रेमंड के शेयर होल्डर्स को हर एक शेयर के बदले रेमंड रीयल्टी का भी एक शेयर मिलेगा.
शेयर बाजार को दी जानकारी में कंपनी ने कहा है कि डीमर्जर की प्रोसेस पूरी होने के बाद नई कंपनी के शेयर बीएसई और एनएसई पर लिस्ट कराए जाएंगे. इससे कंपनी के मौजूदा शेयर होल्डर्स के पास एक के बजाय फिर दो कंपनियों के शेयर होंगे.
बंटवारे के बाद कैसे होगा कंपनी का बिजनेस
रेमंड के इस बंटवारे के बाद जहां रीयल्टी कंपनी का फोकस स्वतंत्र तरीके से रीयल्टी सेक्टर की संभावनाओं को इफेक्टविली हैंडल करना होगा. वहीं लाइफस्टाइल के बिजनेस को रेमंड लाइफस्टाइल नाम की कंपनी में कंसोलिडेट किया जाएगा.
इसी में रे ग्लोबल कंज्यूमर ट्रेडिंग के कारोबार को भी मर्ज किया जाएगा. कंपनी की इस डीमर्जर योजना को अभी एनसीएलटी और अन्य रेग्युलेटरी अनुमति मिलनी बाकी है. गुरुवार को रेमंड का शेयर 2933 रुपए पर बंद हुआ.
इससे पहले रेमंड ग्रुप ज्यादातर समय अपने पारिवारिक विवादों को लेकर ही चर्चा में रहा है. पहले गौतम सिंघानिया का अपने पिता विजयपत सिंघानिया से संपत्ति को लेकर विवाद रहा. इसके बाद गौतम सिंघानिया ने अपनी पत्नी नवाज मोदी से 32 साल बाद तलाक लेने का ऐलान किया, जिसके बाद दोनों के बीच कई तरह के अलग-अलग विवादों की खबरें सामने आईं.

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