RBI ने बताया देश के ये 3 बैंक हैं सबसे सुरक्षित, एक सरकारी और 2 प्राइवेट, इनमें कभी नहीं डूबेगा ग्राहकों का पैसा
हम में से अधिकत्तर लोग अपने मेहनत की कमाई बैंकों में जमा करते हैं ताकि समय पर यह पैसा काम आएगा। कभी-कभी होता ऐसा है कि बैंक ही डूब जाता है। ऐसे में जमाकर्ता की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। ऐसे में कहा जाता है कि लोगों को अपना पैसा जमा करने से पहले देखना चाहिए कि सामने वाला बैंक सुरक्षित है या फिर नहीं।
RBI ने इसी साल की शुरूआत में डोमेस्टिक सिस्टमिकली इम्पॉर्टेंट बैंक (Domestic Systemically Important Banks/D-SIBs) के नाम से एक सूची जारी की है यानी कि घरेलू सिस्टम के लिए अहम बैंक हैं। केंद्रीय बैंक की इस लिस्ट में देश के सबसे सुरक्षित बैंकों के नाम शामिल किए गए हैं।
आरबीआई द्वारा जारी की गई सबसे सुरक्षित बैंकों की सूची में एक सरकारी और 2 प्राइवेट बैंकों के नाम शामिल हैं। इसमें एक पब्लिक सेक्टर का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का नाम है और इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर के 2 बैंक इस लिस्ट में शामिल हैं। इनमें एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) का नाम शामिल हैं।
1 अप्रैल 2025 से क्या होगा बदलाव?
अहम बदलाव ये हुआ है कि आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) की स्थिति में बदलाव नहीं हुआ है लेकिन बाकी दोनों बैंक का लेवल बढ़ा है यानी और हाई बकेट में चले गए हैं। दरअसल, घरेलू सिस्टम के लिए अहम बैंकों को एडीशनल कॉमन इक्विटी टियर-1 (CET1) मेंटेन करना होता है।
रिजर्व बैंक के बयान के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को रिस्क-वेटेड एसेट्स के फीसदी के रूप में अतिरिक्त 0.80 फीसदी CET1 के रूप में रखना होगा. वहीं एचडीएफसी बैंक को अतिरिक्त 0.40 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक को अतिरिक्त 0.20 फीसदी मेंटेन करना होगा। हालांकि ये लेवल 1 अप्रैल 2025 से मेंटेन करना है। अभी स्टेट बैंक के लिए यह सरचार्ज 0.60 फीसदी और एचडीएफसी बैंक (HDFC) के लिए 0.20 फीसदी है।
क्या हैं D-SIBs
ये ऐसे बैंक होते हैं जो सिस्टम के लिए इतने महत्वपूर्ण होते हैं कि जिनके डूबने पर पूरे फाइनेंशियल सिस्टम को झटका लग सकता है और अस्थिरता आ सकती है। इस प्रकार के बैंकों इतने महत्वपूर्ण हैं कि इन्हें कुछ हुआ तो खुद सरकार इन्हें बचाने की कोशिश करेगी।
बैंकों की क्या है जिम्मेदारी
बैंक में जमा आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। मान लीजिए किसी बैंक में चोरी या डकैती हो गई अथवा किसी आपदा में नुकसान हो गया तो बैंक आपके पूरे पैसों की कोई गारंटी नहीं देता है।
ऐसे में यह जानना और जरूरी हो जाता है कि बैंकों पर आखिर कितनी रकम लौटाने की जिम्मेदारी होती है। आपको इससे ज्यादा पैसे नहीं दिए जाएंगे। भले ही आपने खाते में कितनी भी रकम जमा क्यों न हो।
बैंक डूबने पर इतना पैसा मिलेगा वापस
हम आपको बातदें कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट 1961 की धारा 16 (1) के तहत बैंक में किसी भी रूप में जमा आपके पैसों पर सिर्फ 5 लाख रुपये तक ही गारंटी होती है। इससे ज्यादा का पैसा जमा है तो बैंक का नुकसान होने की स्थिति में आपका पैसा डूब जाएगा।
रिजर्व बैंक (RBI) का डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) आपके जमा पैसों की गारंटी लेता है, लेकिन ध्यान रहे कि यह पैसा किसी भी सूरत में 5 लाख से अधिक न हो।
खाता हो या FD मिलेगी सिर्फ 5 लाख रुपये की गारंटी
100 फीसदी पैसा वापस पाने का तरीका
समय में वापस मिलता है पैसा
नंबर 1 : अगर आपने बैंक को सही टाइम पर सूचना दे देते हैं तो तो नियमों के मुताबिक आपको 10 दिनों के अंदर बैंक पैसे लौटाने का दावा करता है। हालांकि, ये पैसे आपके अकाउंट में शेडो क्रेडिट होंगे, जिन्हें आपके खाते में आने में 90 दिनों का टाइम भी लग सकता है।
नंबर 2: अगर आप बैंक को अपने साथ हुए फ्रॉड की जानकारी 4 से 7 दिनों के अंदर करते हैं, तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के मुताबिक तब भी बैंक आपको आपके पैसे वापस कर सकता है। हालांकि इस स्थिति में आपको पूरे 100 फीसदी पैसे वापस नहीं मिलेगा।
नंबर 3: आपके साथ ठगी हुई है और किसी कारण अगर आप 7 दिन बाद बैंक को शिकायत करते हैं, तो आपको पैसे मिलने की संभावना न के बराबर होती है। इस स्थिति में बैंक बोर्ड ही ये तय करता है कि आपको पैसे लौटाएं जाएंगे या फिर नहीं।
गलत अकाउंट में पैसा ट्रांसफर पर क्या करें?
अगर आपकी गलती से किसी और के अकाउंट में पैसा चला गया है तो सबसे पहले आपको आपको अपने बैंक की होम ब्रांच से संपर्क करना होगा और इसकी पूरी जानकारी देनी होगी।
इसके बदले में बैंक की ओर से आपको रिक्वेस्ट नंबर और कंप्लेंट नंबर दिया जाएगा। इसके अलावा आप कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके भी तुरंत जानकारी दे सकते हैं।
कैसे वापस मिलेगा पैसा?
पैसा अगर किसी ऐसे अकाउंट में गया है, जो मौजूद नहीं है तो आपको आपका पैसा तुरंत वापस मिल जाएगा। वहीं, अगर पैसा किसी ऐसे खाते में चला गया है जो पूरी तरह से मान्य है। ऐसे में गलत लेनदेन की पूरी जिम्मेदारी आपकी ही होगी।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की ओर से किए गए एक ट्विट में कहा गया है कि कि जिस खाते में आप पैसा भेज रहे हैं तो उसकी डिटेल वैरिफाई करने की पूरी जिम्मेदारी आपकी होती है। होम ब्रांच केवल पैसा दिलवाने में आपकी मदद कर सकता है, लेकिन इसमें बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
डिजिटल पैसा ट्रांसफर करते समय बरते ये सावधानी
डिजिटली लेनदेन करते वक्त हमेशा सावधान रहना चाहिए और लेनदेन के लिए पिन डालने से पहले पूरी डिटेल को एक बार अच्छे से चेक कर लेनी चाहिए। डिटेल वेरिफाई करते समय हमेशा अकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड, बैंक का नाम आदि डिटेल का मिलान कर लेना चाहिए। अगर पैसा यूपीआई एप से भेज रहे हैं तो मोबाइल नंबर को एक बार जरूरी वेरिफाई कर लेना चाहिए।