झारखंड के बागी कांग्रेस नेताओं ने दिखाए तेवर, चंपई सरकार की क्या बढ़ेगी मुश्किलें?

झारखंड में कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग चार विधायकों को मंत्री बनाए जाने को लेकर चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो सरकार से नाराज है. पार्टी के 12 विधायकों ने चंपई सोरेन सरकार को धमकी दी है कि अगर इन मंत्रियों की जगह नए चेहरों को नहीं लिया गया तो वे झारखंड विधानसभा सत्र का बहिष्कार करेंगे. इन 12 में से आठ विधायक पार्टी आलाकमान के सामने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए शनिवार शाम दिल्ली पहुंचे थे. रविवार को झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने दिल्ली के एक फार्म हाउस में सभी आठ विधायकों से मुलाकात की.

दिल्ली आए आठों विधायक नाराज हैं, कुल 12 नाराज हैं. ये नए विधायकों को मंत्री बनाने की मांग कर रहे थे, जबकि चंपई सरकार में पुराने मंत्रियों को ही रिपीट कर दिया गया. दरअसल, ये 12 पहली बार जीत कर आये हैं. एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति देख कांग्रेस ने मंत्रियों को रिपीट करने का फैसला किया. उसी से विधायक नाराज हैं.

झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर के साथ बागी विधायकों की लगभग तीन घंटे तक बैठक चली. पहले एक साथ इन विधायकों के साथ उन्होंने मुलाकात की. उसके बाद प्रभारी ने अलग-अलग सभी विधायकों की बातों को सुना. झारखंड कांग्रेस के नाराज 12 में से आठ विधायक दिल्ली में इसी जगह रिसोर्ट में डेरा डाले हुए हैं.

पुराने मंत्रियों को फिर से मंत्री बनाए जाने से नाराज

बता दें कि इसके पहले असंतुष्ट विधायकों ने विधायक आलमगीर आलम, रामेश्वर ओरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले पर नाखुशी जाहिर की थी. विधायक राज्य के प्रत्येक संभाग से सभी पांच संभागों को कवर करने के लिए एक मंत्री की मांग कर रहे हैं. राज्य में पांच प्रमंडल हैं: पलामू प्रमंडल (3 जिले), उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल (7 जिले), दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल (5 जिले), कोल्हान प्रमंडल (3 जिले) और संथाल परगना प्रमंडल (6 जिले).

विधायक राहुल गांधी द्वारा बनाए गए ‘एक व्यक्ति, एक पद’ नियम को लागू करने की भी मांग कर रहे हैं. बागी पार्टी विधायकों का कहना है कि अगर पार्टी उनकी चिंताओं को दूर करने में विफल रही तो विधायक झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का बहिष्कार करेंगे और जयपुर जाएंगे.

बागी विधायकों को दिखाए तेवर

बता दें कि कांग्रेस के पास 17 विधायक हैं और झामुमो के पास (29) विधायक हैं. झामुमो पहले ही मुख्यमंत्री और स्पीकर का पद ले चुका है. उनके पास छह मंत्री पद हैं. कांग्रेस विधायकों ने हालिया विवाद का हवाला देते हुए कांग्रेस के बन्ना गुप्ता को मंत्री पद देने का विरोध किया था.

बागी विधायकों का कहना है कि पिछले चार वर्षों के दौरान, हमें दिए गए कोटे पर बहुत अस्वीकृति और निराशा थी. चूंकि एक अचानक मौका मिला और चंपई सोरेन के नेतृत्व में नये मंत्रिमंडल का गठन हो रहा था, सभी को उम्मीद थी कि फेरबदल होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ये मंत्री विधायकों की कोई बात नहीं सुनते हैं.

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