गणतंत्र दिवस की परेड में इस झांकी को मिला फर्स्ट प्राइज, बयान जारी कर कही ये बात
26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर कई झांकियां निकाली गईं। इसमें कई राज्यों के साथ-साथ सरकार के मंत्रालयों की झांकियां भी शामिल थीं। इस बार सरकार के ही एक मंत्रालय ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है।
देश में इस बार 75वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस मौके पर कर्तव्य पथ पर कई विभागों द्वारा झांकी निकालकर प्रदर्शनी की गई। इस बार गणतंत्र दिवस पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों मुख्य अतिथि रहे। वहीं देश-विदेश से आए मेहमानों ने भी इन झाकियों का आनंद भी लिया। एक तरफ जहां कई राज्यों ने अपनी झांकियों की प्रस्तुति दी तो वहीं केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों और विभागों की भी झांकियां निकाली गईं। इन्हीं में शामिल संस्कृति मंत्रालय की झांकी ने इस बार फर्स्ट प्राइज जीता है। संस्कृति मंत्रालय ने इसे लेकर बयान जारी किया और जानकारी दी है।
संस्कृति मंत्रालय को मिला प्रथम पुरस्कार
संस्कृति मंत्रालय की ‘भारत: लोकतंत्र की जननी’ थीम वाली झांकी को 75वें गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल झांकियों में प्रथम पुरस्कार मिला है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि झांकी में परंपरा और नवोन्मेष का मिश्रण था तथा ‘‘भारत की सांस्कृतिक विरासत- जिसे अक्सर लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है’’ को प्रदर्शित करने के लिए ‘एनामॉर्फिक’ तकनीक के उत्कृष्ट उपयोग ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। संस्कृति मंत्रालय की इस झांकी का मुख्य उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को दर्शा था। इस झांकी में भारत को लोकतंत्र की जननी के रूप में भी दिखाया गया था।
मंत्रालय ने इस उपलब्धि पर जताया गर्व
बयान के अनुसार, ‘‘एनामॉर्फिक तकनीक (प्रतिकृति उकेरने की तकनीक) को हमारी प्रस्तुति में कुशलतापूर्वक अपनाया गया था। इस तकनीक ने इसे समकालीन बनाया जो हमारी संस्कृति की गतिशीलता को दर्शाता है। इसमें आधुनिकता के मेल ने पारंपरिक तत्वों को सहजता से अपनाया। हमने एक ऐसी झांकी बनाई जो कलात्मक कौशल और सांस्कृतिक झलक लेकर आई।’’ संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि उसे इस उपलब्धि पर बहुत गर्व है क्योंकि यह ‘‘भारत के विविध रंगों को संरक्षित करने और उसका जश्न मनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता’’ को दर्शाता है।