Rice Rate: बढ़ती महंगाई से आम जनता को मिली बड़ी राहत, आज से सस्ता हो गया चावल, चेक करें दाम

 भारत सरकार द्वारा महंगाई पर काबू पाने (control inflation) के लिए कोशिशें लगातार जारी है. प्‍याज, दाल, टमाटर, आटा जब भी किसी का दाम बढ़ा तो सरकार ने आगे आकर कम कीमत पर लोगों को खाने-पीने की चीजें मुहैया कराई. अब चावल ने भी आम आदमी को परेशान करना शुरू किया.तो एक बार फिर सरकार नई राहत लेकर सामने आई है. बीते एक साल में चावल की कीमत (price of rice) 15 फीसदी बढ़ चुकी है. इसे देखते हुए सरकार ने सस्‍ती दरों पर ‘भारत चावल’ बाजार में उतारा है, जो 6 फरवरी यानी मंगलवार से बिकना शुरू हो गया है.

सबसे पहले चरण में भारतीय खाद्य निगम (FCI) दो सहकारी समितियों, नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) के साथ खुदरा केंद्रीय भंडार को पांच लाख टन चावल प्रदान करेगा.

ये एजेंसियां चावल को 5 किलो और 10 किलो के पैकेट में पैक करेंगी और भारत ब्रांड के तहत अपने बिक्री केन्द्रों के माध्यम से खुदरा ग्राहकों को बेचेंगी. चावल को ई-कॉमर्स मंच के जरिये भी बेचा जाएगा.

जानिए कितनी है चावल की कीमत

देश के खाद्य मंत्री (Country’s Food Minister) पीयूष गोयल ने बताया है कि यह चावल सब्सिडी रेट (rice subsidy rate) पर उपभोक्‍ताओं तक पहुंचाया जाएगा.

इसकी शुरुआत आज शाम 4 बजे होगी. इसकी कीमत महज 29 रुपये प्रति किलोग्राम रखी गई है. सरकार ने इससे पहले थोक विक्रेताओं को यह मुक्त बाजार बिक्री योजना (OMSS) के माध्यम से इसी भाव पर चावल बेचने की पेशकश की थी, लेकिन प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर खुद एफसीआई के जरिये खुदरा बिक्री करने का फैसला किया.

ये सब चीजें बेच रही है सरकार

भारत सरकार को उम्मीद है कि ‘भारत चावल’ (Bharat Rice) के लिए भी ग्राहकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी, जैसा कि उसे ‘भारत आटा’ के मामले में मिल रहा है. इसे सरकारी एजेंसियों के माध्यम से 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा रहा है.

और ‘भारत चना’ को 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा रहा है. गौरतलब है कि चावल निर्यात पर प्रतिबंध और बीते सीजन में बंपर उत्‍पादन के बावजूद इसकी खुदरा कीमतों (rice retail prices) पर काबू नहीं पाया जा सका है.

चावल की जमाखोरी पर बड़ा एक्‍शन

अब भारत सरकार ने चावल की जमाखोरी  रोकने (stop hoarding of rice) के लिए भी सख्‍त आदेश जारी किए हैं. सभी खुदरा और थोक विक्रेताओं, प्रसंस्‍करण करने वाली कंपनियों से अपने स्‍टॉक का खुलासा करने को कहा गया है.

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में जब सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज बांट रही (government distributing free grains) है, भारत चावल जैसी पहल काफी अच्‍छी है. ऐसे में माना जा रहा है कि चावल की महंगाई एफसीआई के इतर वाली किस्‍मों में आ रही है, जो महंगाई की सही तस्‍वीर नहीं दिखाता है.

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