RSS के शताब्दी वर्ष का पहला लक्ष्य मजबूत हिंदू समाज बनाना है… राजस्थान में बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि संगठन के शताब्दी वर्ष का पहला लक्ष्य अनुशासित और मजबूत हिंदू समाज बनाना है. गुरुवार को राजस्थान के बारां जिले से अपनी चार दिवसीय यात्रा की शुरुआत करते हुए भागवत ने धर्मादा धर्मशाला में संघ के सभी क्षेत्रीय सदस्यों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही. शुक्रवार को संघ प्रमुख कोटा पहुंचे हुए थे.
यात्रा के समय संघ प्रमुख ने शताब्दी वर्ष के मद्देनजर संघ के विस्तार और एकीकरण की योजनाओं पर भी सभी जिला और क्षेत्रीय प्रचारकों के साथ बैठक कर चर्चा की. इस दौरान भागवत ने जोर देकर कहा कि शताब्दी वर्ष को उत्सव के रूप में नहीं मनाया जाना चाहिए बल्कि इसका उद्देश्य संगठन के संस्थापक की ओर से देखे गए एक संगठित, मजबूत और अनुशासित हिंदू समाज के सपने को साकार करना होना चाहिए.
स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाने पर जोर
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आगे यह भी बताया कि संघ के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए समर्पित स्वयंसेवकों की संख्या में बढ़ोतरी करने की आवश्यकता है. अगले साल यानी 2025 में संघ की स्थापना के 100 साल पूरे हो जाएंगे. इससे पहले अगस्त के आखिरी में केरल के पलक्कड़ में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी. यह बैठक 31 अगस्त से शुरू हुई थी जो कि 2 सितंबर तक चली थी.इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा भी हुई थी.
जातिगत जनगणना पर पहले ही स्थिति साफ कर चुका है संघ
बैठक के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेडकर ने कहा था कि समाज में पिछड़े वर्ग की भाई के लिए जनकल्याणकारी कामों के लिए जातिगत जनगणना के डेटा का उपयोग में हमें कोई असहमति नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, सामाजिक विघटन करने और चुनाव में लाभ पाने के स्वार्थ से इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.

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