ED अधिकारियों पर हमले से बंगाल में बवाल, क्या रोहिंग्यों का हाथ? NIA जांच की मांग
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में स्थित तृणमूल नेता शाहजहां शेख के घर पर ईडी की छापेमारी और उन पर हमले से बवाल मच गया है. बीजेपी ने सवाल उठाया है कि हमले में रोहिंग्या का हाथ था. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच एनआईए से कराने की मांग की है. विपक्षी दल के नेता ने शुभेंदु अधिकारी ने सोशल साइट्स एक्स पर ईडी अधिकारियों पर हमले की निंदा की. उन्होंने लिखा, ”कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है. मुझे संदेह है कि इस हमले में रोहिंग्या मौजूद थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राज्यपाल से उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं. इस मामेल की एनआईए जांच की जानी चाहिए.”
बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने भी रोहिंग्याओं के शामिल होने की शिकायत की. उन्होंने सीधे तौर पर कहा, ”रोहिंग्याओं को बांग्लादेश से लाकर कैंपों में रखा गया. फिर उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में फैलाया जा रहा है.
उन्होंने यह भी बताया कि शाहजहां पर तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप है. इनमें से 2 के शव नहीं मिले. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी इसकी शिकायत की. उन्होंने कहा, “संदेशखाली में ईडी अधिकारियों और प्रेस पर शाहजहां शेख के पालतू रोहिंग्या ठगों ने हमला किया.”
टीएमसी नेता शाहजहां के समर्थकों के हमले से ईडी के 3 अफसर घायल
Horrific. The Law & Order Situation in West Bengal is in shambles.
ED Officials & CRPF Jawans brutally attacked in Sandeshkhali; North 24 Parganas district, while conducting Raid at TMC leader Sheikh Shahjahan’s house.
I doubt that Rohingyas are present amongst the Anti National… pic.twitter.com/XHboQsBVSX— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) January 5, 2024
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जब ई़डी अधिकारी सरबेरिया गांव में शाहजहां के घर की ओर जाने की कोशिश की, तो ग्रामीणों के एक समूह उन्हें रोक दिया. वे शाहजहां के अनुयायी होने का दावा कर रहे थे. ईडी के अधिकारियों ने तृणमूल नेता के घर के सामने आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद उन्होंने दरवाजा तोड़ने की कोशिश की. आरोप है कि उस वक्त उन्हें घेरकर पीटा गया. केंद्रीय बलों के जवानों को भी खदेड़ दिया गया. अंततः ईडी अधिकारियों को क्षेत्र से बाहर खदेड़ दिया गया. उनकी कार में तोड़फोड़ की गई.
स्थानीय लोगों के हमले में तीन अधिकारी घायल हो गए थे. ईडी सूत्रों के मुताबिक, संदेशखाली में घायल तीन अधिकारियों में से एक सहायक निदेशक राजकुमार राम हैं. लहूलुहान हालत में उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अन्य दो घायल अधिकारियों की पहचान अंकुर और सोमनाथ दत्ता के रूप में की गई है. कथित तौर पर मीडिया पर भी हमले हुए. उनकी कार और कैमरा तोड़ दिए गए.
शुक्रवार सुबह जिस तरह केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों पर हमला किया. एक हजार से ज्यादा शाहजहां के अनुयायी एक साथ आकर हमला कैसे कर सकते हैं? इसको लेकर बीजेपी विस्फोटक दावे कर रही है. बीजेपी का दावा है कि शेख शाहजहां रोहिंग्याओं को पनाह देते हैं. विपक्ष सवाल उठा रहा है कि क्या उन रोहिंग्याओं ने आज के हमले में शामिल हैं या नहीं. बीजेपी नेता इस घटना को लेकर गृह मंत्रालय से हस्ताक्षेप की मांग की है.
पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी है शाहजहां
भाजपा के तर्क को खारिज करते हुए, तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, भाजपा सभी घटनाओं की व्याख्या सांप्रदायिक रूप से करती है. राजनीति की जगह सांप्रदायिक बातें हो रही हैं.’ बता दें कि शाहजहां शेख राशन डीलर का काम करता है और टीएमसी नेता है. ईडी के अधिकारियों का मानना है कि नेता के घर की तलाशी लेने पर राशन भ्रष्टाचार मामले से जुड़े दस्तावेज मिलेंगे. लेकिन वे उस दिन नेता के घर में प्रवेश नहीं कर सके. बता दें कि राशन घोटाला मामले में ज्योतिप्रिय मल्लिक फिलहाल जेल में हैं.
ईडी राज्य में कई मामलों की जांच कर रही है, कई जगहों पर तलाशी भी ली गई है. हालांकि, ईडी को राज्य में पहले कभी इस तरह के हमले का सामना नहीं करना पड़ा है.सवाल उठता है कि आखिर शाहजहां के घर में ऐसी कौन सी जानकारी है, जिसके लिए उनके अनुयायियों ने इस तरह हमला किया? इसके बाद डर है कि कहीं वह सबूत न खो दें. सूत्रों के मुताबिक, ईडी इस घटना की जानकारी मुख्यालय को दी है. ईडी के अधिकारी शुक्रवार सुबह से ही कोलकाता समेत कम से कम 15 जगहों पर तलाशी ले रहे हैं. बनगांव स्थित शंकर आध्या के ससुराल विजयगढ़ स्थित एक नाव की भी तलाश की जा रही है.