MCD में हंगामा, मेज पर चढ़कर BJP पार्षदों ने की नारेबाजी, डी सीलिंग का प्रस्ताव हुआ पास
दिल्ली नगर निगम की सोमवार को स्पेशल बैठक बुलाई गई. सदन की शुरुआत से ही माहौल गर्म रहा, पूरा सदन जय श्री राम के नारों से लेकर, एक दूसरे के नेताओं के लिए जिंदाबाद और मुर्दाबाद के नारों से गूंजता रहा. मेयर और निगम अधिकारी कई बार सदन को चलाने के लिए आए, लेकिन अपनी कुर्सियों तक नहीं पहुंच पाए. वहीं कुछ पार्षद कुर्सियों पर चढ़े तो कुछ टेबल पर, जिसकी वजह से कई बार सदन को स्थगित करना पड़ा.
सदन की कार्यवाही स्थगित हुई तो बीजेपी पार्षदों ने निगम सचिव शिवा प्रसाद के वी के दफ्तर का घेराव कर दिया. नौबत दिल्ली पुलिस को बुलाने तक आ गई, लेकिन बीजेपी पार्षद बैठक में स्टैंडिंग कमेटी के गठन तक कमेटी की शक्तियां सदन को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताकर किसी भी सूरत में पास न होने देने की मांग पर अड़े रहे.
डीसीलिंग का प्रस्ताव पास
कई घंटों की मशक्कत के बाद मेयर खड़ी पार्षदों की भीड़ के बीच से सदन में आई और हाथ में प्रस्ताव की कॉपी को लहराते हुए MCD सदन में स्टैंडिंग कमेटी के गठन तक, कमेटी की शक्तियां सदन को हस्तांतरित करने और डीसीलिंग के प्रस्ताव को पास करने का ऐलान कर दिया. दोनों प्रस्ताव सदन में पास करने के बाद दिल्ली की मेयर डॉ शैली ओबेरॉय ने TV9 भारतवर्ष से खास बातचीत करते हुए कहा कि जब से आम आदमी पार्टी की सरकार नगर निगम में आई है जनवरी 2023 से 2024 तक बीजेपी नेताओं की गुंडागर्दी चालू है. हर बैठक में हंगामा करते हैं. आज 15 जनवरी को स्पेशल मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें डी सीलिंग और स्टैंडिंग कमेटी के नाम बनने तक पावर सदन को देने का प्रस्ताव लाया गया.
मेयर ने आरोप लगाया कि बीजेपी पार्षदों ने उन्हें डायस पर नहीं जाने नहीं दिया, धक्का मुक्की की, कुर्सी खींची और हंगामा किया. तीसरी बार मैं किसी तरह से हाउस में पहुंची और जनता के हित के लिए धक्का मुक्की के बावजूद दोनों प्रस्ताव पास कराया. आम आदमी पार्टी ने जो भी वादे किए थे उनको पूरा करेंगे. मैं बीजेपी के सभी पार्षदों से भी आग्रह करूंगी हंगामा ना करें हाउस चलने दें, इस कदम से बीजेपी के पार्षदों के इलाके के रुके हुए काम भी पूरे होंगे.
BJP हुई हमलावर
बीजेपी पार्षदों द्वारा इस संशोधन को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताने पर मेयर ने कहा कि MCD एक्ट में लिखा है कि हाउस सुप्रीम है. साथ ही अगर स्टैंडिंग कमेटी वजूद में नहीं है तो सदन की शक्तियों का इस्तेमाल कर सकती हैं, फिर भी इस कदम को चुनौती दी जाती है तो वो इसके लिए तैयार है. आम आदमी पार्टी और मेयर का कहना है कि सदन में दोनों प्रस्ताव पास हुए लेकिन BJP का दावा है कि प्रस्ताव पास नहीं हुए क्योंकि तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.
बैठक को बाधित करने के लिए किया मजबूर
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि आम आदमी पार्टी ने निरंकुश तरीके से आज MCD की स्थायी समिति की शक्तियों को MCD के जनरल हाउस में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव लाकर दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की, जिससे हमारे बीजेपी पार्षदों को कड़ा विरोध दर्ज कराना पड़ा. वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि स्थायी समिति चुनाव में हार के डर से आम आदमी पार्टी के नेता मनोनीत पार्षदों के मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गये और कोई कानूनी रोक नहीं होने के बावजूद स्थायी समिति का चुनाव नहीं होने दे रहे हैं. विपक्ष के नेता सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के असंवैधानिक कृत्यों ने आज हमें दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 की पवित्रता को बचाने के लिए MCD सदन की बैठक को बाधित करने के लिए मजबूर किया है.
MCD में नेता विपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा है कि एक संविधान से बंधी पार्टी के रूप में और नगर निगम के संविधान की पवित्रता को बचाने के लिए हमने MCD आयुक्त से मुलाकात की और आज के गैरकानूनी एजेंडे को वापस लेने के लिए एक ज्ञापन सौंपा, लेकिन जब उन्होंने असहायता व्यक्त की तो हमें मजबूर होना पड़ा और कड़ा विरोध दर्ज कराया और मेयर को एजेंडा पेश नहीं करने दिया. आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब जब सदन की बैठक बुलाई जाती है, आम आदमी पार्टी और बीजेपी के पार्षद आमने-सामने ही नजर आते हैं. सदन की पहली बैठक में भी पार्षदों के बीच जमकर हाथापाई हुई थी और वहां से शुरू हुई हंगामा की यह कड़ी अभी भी लगातार जारी है.