Russia Ukraine War: यूक्रेन से जंग में थक-हार चुके पुतिन को चाहिए शांति, देख रहे भारत की ओर
यूक्रेन से जंग के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दुनिया के कई देश पाबंदियां लगा चुके हैं. उधर, युद्ध में रूस को बड़ी सफतला होती दिख नहीं रही है. 2 साल से ज्यादा का समय हो गया और यूक्रेन जंग के मैदान में डटा हुआ है. अब इस बीच पुतिन ने BRICS देशों से उम्मीद जताई है कि वे शांति वार्ता में मध्यस्थ के रूप में काम कर सकते हैं. ब्रिक्स पांच देशों का समूह है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका हैं.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि चीन, भारत और ब्राजील यूक्रेन पर संभावित शांति वार्ता में मध्यस्थ के रूप में कार्य कर सकते हैं. पुतिन ने कहा कि युद्ध के पहले हफ्ते में इस्तांबुल में वार्ता में रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसे कभी लागू नहीं किया गया. उसे आधार बनाकर बातचीत की जा सकती है.
पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा पर रूस ने दिया था बयान
पीएम मोदी हाल ही में यूक्रेन के दौरे पर गए थे. उनकी यात्रा पूरी दुनिया की नजर थी. रूस ने पीएम मोदी की यात्रा को लेकर प्रतिक्रिया भी दी. रूस के विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी की यात्रा को यूक्रेन संकट के राजनीतिक और कूटनीतिक समाधान की दिशा में किया गया व्यवहारिक प्रयास बताया.
रूसी विदेश विभाग ने भारत को एक प्रभावशाली वर्ल्ड पावर बताया जो अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार अपनी विदेश नीति बनाता है. रूस ने यह भी कहा है कि वह यूक्रेन के मुद्दे पर अपने भारतीय दोस्तों के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है.
अमेरिका का भी आ चुका है बयान
यूक्रेन में शांति लाने को लेकर अमेरिका का भी बयान आ चुका है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका ऐसे किसी भी देश का स्वागत करता है जो यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने का प्रयास करना चाहता है.
किर्बी से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि भारत युद्ध को समाप्त करने में भूमिका निभा सकता है. किर्बी ने कहा, ऐसा कोई भी देश जो इस युद्ध को समाप्त करने में मदद करने के लिए तैयार है और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के विशेषाधिकारों, यूक्रेनी लोगों के विशेषाधिकारों, न्यायपूर्ण शांति स्थापना की उनकी योजना को ध्यान में रखते हुए ऐसा करता है, हम उसकी भूमिका का निश्चित ही स्वागत करेंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि भारत शांति कायम करने में भूमिका निभा सकता है, व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा, हम निश्चित रूप से ऐसी उम्मीद करते हैं.